नेता जी जरा इधर भी करें अपनी नजरें इनायत फोटो संख्या : 5फोटो कैप्सन : ऋषियों की तपोस्थली रही ऋषिकुंड प्रतिनिधि , बरियारपुर प्रकृति के गोद में अवस्थित महान ऋषियों की तपोस्थली रही ऋषिकुंड पर्यटन के रुप में आज तक विकसित नहीं हो पाया. क्योंकि नेताजी का ध्यान ही इस ओर आकृष्ट नहीं हुआ है. अगर ऐसे धार्मिक एवं ऐतिहासिक धरोहर को पर्यटक स्थल के रुप में विकसित कर दिया जाय तो यह रोजगार के साथ ही सरकार को राजस्व भी देगा. ऋषिकुंड किसी नाम का मोहताज नहीं है. लेकिन सरकार की उदासीनता, प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही एवं मुंगेरिया नेताओं की उपेक्षा के कारण ऋषिकुंड को आज तक पर्यटक स्थल का दर्जा नहीं मिल माया है. ऋषिकुंड में हर तीन साल में एक माह तक मलमास मेला लगता है. जहां विभिन्न जिलों के लोग स्नान करने के लिए आते हंै. जबकि ठंड के मौसम में यहां स्नान करने वालों की भीड़ लगी रहती है. लोग यहां आकर स्वर्ग का अनुभव करते है. यहां के पानी की खासियत है कि इस पानी के सेवन से न सिर्फ चर्म रोग जैसी बीमारी खत्म होती है. बल्कि पेट की बीमारी भी दूर होती है. क्योंकि इस पानी में पाचन शक्ति अधिक होती है. स्नान करने पहुंचे ग्रामीण राजकुमार मंडल ने कहा कि नेताजी को इसके पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने की पहल करनी चाहिए. ताकि जिससे यहां के लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके. ग्रामीण मनोज कुमार ने कहा कि स्थानीय संस्थाओं द्वारा कई बार पर्यटन के क्षेत्र में विकास के लिए पहल की गयी. लेकिन नेताजी ने कोई ध्यान नहीं दिया. ग्रामीणों ने कहा कि ऋषिकुंड को विकसित करने की दिशा में मुंगेर के नेताजी और मंत्री ध्यान दे.
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नेता जी जरा इधर भी करें अपनी नजरें इनायत
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