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रसोइये फर्श पर गूंथते हैं आटा अौर जमीन पर ही बेलते हैं रोटी

मुंगेर : सदर अस्पताल में आये दिन मरीजों को परोसे जा रहे भोजन व नाश्ते की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहा है. बावजूद इसमें अबतक कोई ठोस सुधार नहीं किया जा रहा है. एक सप्ताह पूर्व जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने सदर अस्पताल का गहन निरीक्षण किया था. जिस दौरान कई मरीजों ने परोसे जा रहे […]

मुंगेर : सदर अस्पताल में आये दिन मरीजों को परोसे जा रहे भोजन व नाश्ते की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहा है. बावजूद इसमें अबतक कोई ठोस सुधार नहीं किया जा रहा है. एक सप्ताह पूर्व जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने सदर अस्पताल का गहन निरीक्षण किया था. जिस दौरान कई मरीजों ने परोसे जा रहे भोजन व नाश्ते को लेकर जिलाधिकारी से शिकायत की थी. जिसके बाद जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन डॉ योगेंद्र प्रसाद भगत को निर्देश दिया था कि सप्ताह में तीन दिन फूड इंस्पेक्टर द्वारा मरीजों को मिलने वाले भोजन व नाश्ते की जांच की जाये. मंगलवार को फूड इंस्पेक्टर अर्जुन प्रसाद ने भोजन के गुणवत्ता की जांच की तथा खाद्य सामग्रियों के सैंपल को जांच के लिए पटना भेजा. हालांकि फूड इंस्पेक्टर द्वारा किये जा रहे जांच के दौरान और भी कई खामियां सामने आयी, जिसमें मरीजों को परोसे जा रहे भोजन में स्वास्थ्य मानकों का पालन नहीं होते पाया गया.

भोजन की गुणवत्ता में जताया गया असंतोष : फूड इंस्पेक्टर मंगलवार को दोपहर 12 बजे सदर अस्पताल परिसर स्थित रसोई घर पहुंचे. उस वक्त तीन रसोइया मिलकर भोजन पका रहे थे. दाल और चावल पक चुका था तथा सब्जी पक रही थी. फूड इंस्पेक्टर ने देखा कि जहां बर्तन की सफाई की जाती है, वहीं पर चावल के मांड़ को पसाया जाता है. जिससे चावल की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है. पके हुए दाल को जब उन्होंने एक डब्बू के सहारे चलाया तो दाल में पानी की मात्रा अधिक पायी गयी तथा दाल में छौंका नहीं लगाया गया था. फूड इंस्पेक्टर के कहने के बाद दाल में छौंका लगाया गया. वहीं कद्दू, नेनुआ व आलू का मिक्स सब्जी पकाया जा रहा था.
फर्श पर गूंथा जाता है आटा : फूड इंस्पेक्टर के पूछने पर बताया गया कि आटे को फर्श पर उड़ेल कर गूंथा जाता है और फर्श पर ही उसे बेल लिया जाता है. जिस पर फूड इंस्पेक्टर ने कहा कि यह तरीका बिलकुल गलत है, आटे को किसी बर्तन में गूंथा जाये तथा उसे चकले पर बेला जाये. क्योंकि साफ दिखने वाले फर्श पर असंख्य मात्रा में खतरनाक कीटाणु और रोगाणु छिपे होते हैं, वे भोजन को दूषित कर सकता है.
रसोइया नहीं पहनते एप्रोन : सदर अस्पताल में मरीजों के लिए भोजन पकाने वाले रसोइया एप्रोन नहीं पहनते हैं. जिससे उसके जान को तो जोखिम रहता ही है, साथ ही भोजन की गुणवत्ता पर भी असर पड़ सकता है. मालूम हो कि भोजन पकाने के दौरान रसोइया को एक विशेष प्रकार की टोपी से अपने सिर के बाल को ढ़ंक कर रखना चाहिए, ताकि उसके सिर का बाल पक रहे भोजन में न गिरे. वहीं गर्दन से घुटने के नीचे तक का एप्रोन रसोइया के शरीर को जहां पक रहे भोजन के गर्म वाष्प के संपर्क में आने से बचाता है, वहीं रसोइया के लटक रहे कपड़ों को भोजन के संपर्क में आने से भी बचाता है. मालूम हो कि भोजन परोसे जाने के दौरान भी एप्रोन का उपयोग अनिवार्य होता है. किंतु सदर अस्पताल में रसोइया व भोजन परोसने वाले कर्मी एप्रोन नहीं पहनते हैं.
एक माह में आयेगी गुणवत्ता रिपोर्ट : फुड इंस्पेक्टर ने भोजन पकाने से परोसे जाने तक की गतिविधि को गौर करते हुए पकाये जाने वाले खाद्य सामग्री के सूखे पदार्थ का सैंपल इकाट्ठा किया है. उन्होंने चावल, दाल, धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर, मिर्च पाउडर तथा नमक का चार-चार पैकेट तैयार कर उसे सील कर लिया. उन्होंने बताया कि इन सभी खाद्य सामग्रियों के सैंपल को जांच के लिए संयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला अगमकुंआ पटना भेजा जायेगा. वहां उसे लगभग एक माह के बाद इसके गुणवत्ता की रिपोर्ट आयेगी. मालूम हो कि रसोइया से सैंपल के लिए आटा की मांग किये जाने पर बताया गया कि आटा खत्म हो गया है.

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