पद्मश्री सम्मान से सम्मानित महिला पर्वतारोही संतोष यादव लगातार चौथे साल छठ करने पहुंची हैं मुंगेर
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शारीरिक व मानसिक ऊर्जा देता है छठ: संतोष
पद्मश्री सम्मान से सम्मानित महिला पर्वतारोही संतोष यादव लगातार चौथे साल छठ करने पहुंची हैं मुंगेर मुंगेर : पद्मश्री सम्मान से सम्मानित महिला पर्वतारोही संतोष यादव लगातार चौथे साल छठ व्रत करने मुंगेर पहुंची है. बुधवार को वे खरना को लेकर गंगा स्नान करने कष्टहरणी घाट पहुंची. जहां स्नान-ध्यान के बाद पीतल के बरतन में […]
मुंगेर : पद्मश्री सम्मान से सम्मानित महिला पर्वतारोही संतोष यादव लगातार चौथे साल छठ व्रत करने मुंगेर पहुंची है. बुधवार को वे खरना को लेकर गंगा स्नान करने कष्टहरणी घाट पहुंची. जहां स्नान-ध्यान के बाद पीतल के बरतन में जल भर कर पूजा के लिए ले गयी. इतनी बड़ी शख्सीयत को छठ व्रत का अनुष्ठान करते देखने के लिए घाटों पर लोगों की भीड़ लग गयी.
कष्टहरणी घाट पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि छठ पर्व सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं है. बल्कि आत्मा की शुद्धि के लिए काफी जरूरी है. आत्मबल को इससे काफी बढ़ावा मिलता है. छठ पर्व करने से शारीरिक और मानसिक विकार दूर होती है और नयी ऊर्जा का संचार होता है. पिछले तीन वर्षों से वे नियम और निष्ठा के साथ मुंगेर में छठ पर्व कर रही हैं. चौथी बार छठ पर्व करने मुंगेर पहुंची संतोष यादव अधिकतर बिहार से बाहर रहती है. संतोष यादव बिल्कुल ही आम व्रतियों की तरह ही बबुआ घाट पर भगवान भास्कर की उपासना करती है.
एवरेस्ट विजेता संतोष यादव का मुंगेर के गुलजार पोखर मोहल्ला में ससुराल है. हरियाणा के रेवड़ी जिले के जोनियावास गांव में पैदा हुई संतोष यादव ने 1992 में एवरेस्ट फतह करने में कामयाबी पायी थी. मुंगेर के गुलजार पोखर निवासी उत्तम को जीवन साथी बनाने के बाद मुंगेर और बिहार से उनका अटूट रिश्ता बन गया है. इसके बाद छठ पर्व को उन्हें करीब से जानने और समझने का मौका मिला. छठ पर्व की पवित्रता और लोगों में निष्ठा को देख कर वे काफी प्रभावित हुईं और उनके मन में छठ पर्व करने की प्रेरणा आयी.
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