संग्रामपुर : कांवरिया पथ पर सावन मास में देश-विदेश के शिव भक्तों का रेला चलता है. इन कांवरियों की सुविधा के लिए पूरे कांवरिया पथ के किनारे दुर-दराज से आकर दुकानदार अपना खाना, नाश्ता, चाय-पान, जूस, शीतल पेय पदार्थ, फल की दुकान लगा कर अर्थोपार्जन करते है. ऐसे दुकानदार एक वर्ष प्रतीक्षा कर यहां दुकान […]
संग्रामपुर : कांवरिया पथ पर सावन मास में देश-विदेश के शिव भक्तों का रेला चलता है. इन कांवरियों की सुविधा के लिए पूरे कांवरिया पथ के किनारे दुर-दराज से आकर दुकानदार अपना खाना, नाश्ता, चाय-पान, जूस, शीतल पेय पदार्थ, फल की दुकान लगा कर अर्थोपार्जन करते है. ऐसे दुकानदार एक वर्ष प्रतीक्षा कर यहां दुकान लगाने को आतुर रहते हैं,
क्योंकि इस दुकान से उपार्जित राशि से वे अपने परिवार का अगले एक वर्ष तक भरण-पोषण करते हैं. लेकिन पिछले तीन-चार वर्षों से इन दुकानदारों के लिए कांवरिया पथ के किनारे के भूस्वामियों द्वारा दुकान लगाने के पूर्व एक बड़ी राशि निर्धारित कर दी गयी है. जिस कारण ऐसे दुकानदारों के लिए श्रावणी मेला में दुकान लगाना घाटे का सौदा साबित हो रहा है.
दरभंगा से होटल लगाने आये एक व्यवसायी ने बताया कि 10 वर्षों से कांवरिया पथ किनारे अपना होटल लगाते आ रहे हैं. पांच-सात वर्षों तक तो व्यवसाय से मुनाफा हुआ. उस समय 20-30 हजार रुपये में अच्छा खासा जमीन मिल जाती थी. लेकिन पिछले तीन वर्षों से उसी जमीन की दर लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले वर्ष पूरे सावन मास के लिए 60 हजार रुपया दिया था लेकिन इस वर्ष भूस्वामी द्वारा एक लाख रुपये मांगा जा रहा है. घर से दूर आकर एक माह जी-तोड़ मेहनत करने के बाद भी अगर कमाई नहीं होती है तो ऐसे कारोबार से क्या फायदा. दुकानदारों ने प्रशासन से कांवरिया पथ किनारे की जमीन पर पट्टे के लिए मूल्य निर्धारित करने की मांग की है.