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शिक्षक का नियोजन रद्द

फर्जीवाड़ा. फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर की थी नौकरी दो शिक्षकों से पूछा गया स्पष्टीकरण दोनों का नियोजन रद्द होना सुनिश्चित मुंगेर : जिला परिषद शिक्षक नियोजन में बड़े पैमाने पर शिक्षक बहाली में फर्जीवाड़ा किया गया है. एक के बाद एक शिक्षकों का प्रमाण पत्र जांच में फर्जी पाया जा रहा है. अब तक […]

फर्जीवाड़ा. फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर की थी नौकरी

दो शिक्षकों से पूछा गया स्पष्टीकरण
दोनों का नियोजन रद्द होना सुनिश्चित
मुंगेर : जिला परिषद शिक्षक नियोजन में बड़े पैमाने पर शिक्षक बहाली में फर्जीवाड़ा किया गया है. एक के बाद एक शिक्षकों का प्रमाण पत्र जांच में फर्जी पाया जा रहा है. अब तक नियोजन इकाई के सचिव सह उप विकास आयुक्त रामेश्वर पांडेय ने पांच नियोजित शिक्षकों का नियोजन जहां रद्द किया है. वहीं दो शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा गया है. माना जा रहा है कि दोनों शिक्षकों का नियोजन रद्द सुनिश्चित है. क्योंकि दोनों के बीएड के प्रमाण पत्र को छत्तीसगढ़ की एक यूनिवर्सिटी ने फर्जी बताया है. डीडीसी के इस कार्रवाई से एक बार फिर जिला परिषद द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले नियोजित शिक्षकों के बीच हड़कंप मच गया है.
संगीत शिक्षक का नियोजन रद्द : हाल ही में जिला परिषद द्वारा संगीत शिक्षकों का नियोजन किया गया था. नियोजन इकाई के सचिव सह डीडीसी ने नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र को जांच के लिए संबंधित विश्वविद्यालय को भेजा था. जांचोपरांत एक नियोजित शिक्षक स्वर सुधा हंस का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है.
नियोजन के समय उक्त अभ्यर्थी ने अंक बढ़ा कर प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था. जांच में प्रमाण पत्र फर्जी साबित होने के बाद डीडीसी ने स्वर सुधा हंस का नियोजन रद्द कर दिया. वह उच्च विद्यालय बैजलपुर, खड़गपुर में पदस्थापित था.
दो शिक्षकों से पूछा गया स्पष्टीकरण : नियोजन इकाई के सचिव सह डीडीसी रामेश्वर पांडे ने धरहरा प्रखंड के उच्च विद्यालय अदलपुर अमारी में अंग्रेजी शिक्षिका के रूप में कार्यरत विनीता आनंद एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालय असरगंज में गणित शिक्षक के रूप में पदस्थापित मुकेश कुमार से स्पष्टीकरण पूछा है कि क्यों नहीं आपकी सेवा बर्खास्त करते हुए आप पर कानूनी कार्रवाई की जाय.
बताया गया कि नियोजन के समय इन शिक्षकों ने छत्तीसगढ़ राज्य से बीएड पास करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था. बीएड के प्रमाण-पत्र को जांच के लिए छत्तीसगढ़ के उस विश्वविद्यालय भेजा गया था. वहां से रिपोर्ट भेजा गया कि इस नाम से कोई भी छात्र-छात्रा यहां से पढ़ाई नहीं किया है और यह प्रमाण पत्र यहां से निर्गत नहीं किया गया. जिसके बाद डीडीसी से स्पष्टीकरण पूछा है. माना जा रहा है इन दोनों शिक्षक-शिक्षिका का भी नियोजन एक-दो दिनों में रद्द कर दिया जायेगा.
कहते हैं डीडीसी
नियोजन इकाई के सचिव सह डीडीसी रामेश्वर पांडे ने कहा कि फर्जी प्रमाण पत्र पर नियोजन पत्र पाने वाले एक संगीत शिक्षक स्वर सुधा हंस का नियोजन रद्द कर दिया गया है. जिला परिषद द्वारा किये गये नियोजन की जांच की जा रही है. गलत प्रमाण पत्र पर नौकरी पाने वाले का नियोजन रद्द किया जायेगा. ताकि दूसरे सही अभ्यर्थी को मौका मिल सके.

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