Bihar: बिहार विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद राज्य में नई सरकार का गठन भी हो चुका है और मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी हो गया है. इसके बावजूद लोगों के बीच महागठबंधन के करारी हार को लेकर रोज ही चौक चौराहों से लेकर चाय की दुकानों पर चर्चा हो रही है. सब अपने-अपने हिसाब से चुनाव की गणित सुलझा रहे हैं. लेकिन इन सबमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि विधानसभा चुनाव से पहले अपनी प्रचंड जीत का दावा करने वाला विपक्ष बिहार के 38 में से 15 जिलों में अपना खाता भी नहीं खोल पाया.
15 जिलों में खाता नहीं खोल पाया महागठबंधन
बिहार के जिन 15 जिलों में महागठबंधन का खाता तक नहीं खुल पाया, वो हैं- गोपालगंज, सिवान, औरंगाबाद, जहानाबाद, नवादा, गया, कैमूर, भोजपुर, सीतामढ़ी, सारण, पश्चिम चंपारण, नालंदा, मधुबनी, सुपौल और रोहतास. इन जिलों की लगभग सभी सीटें भाजपा, जेडीयू, हम और लोजपा जैसे एनडीए दलों ने जीत लीं. महागठबंधन के उम्मीदवार कई जगहों पर दूसरे या तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए. हालांकि, 14 जिलों- पूर्वी चंपारण, मधुबनी, किशनगंज, कटिहार्, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, सीवान, वैशाली, बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, नवादा और जमुई में महागठबंधन या अन्य का मात्र एक सीटों पर ही खाता खुल सका.

इन जिलों में एनडीए जीती सभी सीटें
नालंदा में सभी 7, सीतामढ़ी की सभी 8, सुपौल की सभी 5, दरभंगा की सभी 10, गोपालगंज की सभी 6, खगड़िया की सभी 4 के अलावा भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, शिवहर, भोजपुर, अरवल की सभी सीटें एनडीए की झोली में आई हैं.
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NDA की लहर में घर नहीं बचा पाए लालू यादव
जिन जिलों में महागठबंधन का खाता नहीं खुला है उनमें लालू यादव का गृह जनपद गोपालगंज भी है. लालू यादव के जिले की सभी 6 सीटों पर एनडीए ने जीत दर्ज की. जिले की 6 में से 3 सीटों पर जनता दल यूनाइटेड और 3 पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली है.
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