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Madhubani News : सभी 5 मापदंडों पर खड़ा उतरा सदर अस्पताल का लेबर रूम

सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष एवं ओटी के लक्ष्य प्रमाणीकरण की प्रक्रिया तेज हो गयी है.

मधुबनी.

सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष एवं ओटी के लक्ष्य प्रमाणीकरण की प्रक्रिया तेज हो गयी है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले दिन प्रथम स्तर पर इंटरनल असेसमेंट में प्रसव कक्ष को 87 प्रतिशत स्कोर मिला है. सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा है कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों का लक्ष्य प्रमाणीकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. इसके अंतर्गत संस्थान का आंतरिक मूल्यांकन में उत्तम प्रदर्शन रहा है. यह रैंकिंग क्षेत्र स्तरीय निरीक्षण के बाद मिला है. राज्य स्तरीय टीम के मूल्यांकन के लिए आवेदन लिया गया है.

वर्ष 2020 में प्रसव कक्ष का लक्ष्य प्रमाणीकरण हुआ था. एक बार प्रमाणीकरण होने के बाद यह 3 वर्षों तक के लिए मान्य होता है. इसलिए अब नए प्रमाणीकरण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. सिविल सर्जन ने कहा कि सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक 5142 संस्थागत एवं 813 सिजेरियन प्रसव हुआ. जबकि एक अप्रैल 2024 से 31 जनवरी 2025 तक 4296 संस्थागत प्रसव एवं 810 सिजेरियन प्रसव हुआ.

तीन स्तर पर की जाती है रैंकिंग

क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने कहा कि लक्ष्य प्रमाणीकरण कार्यक्रम के तहत तीन स्तर पर रैंकिंग की जाती है. इसमें पहले स्तर पर जिला स्तरीय, दूसरे स्तर पर राज्य स्तरीय एवं तीसरे स्तर पर राष्ट्रीय रैंकिंग की जाती है. प्रमाणीकरण होने से अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले लोगों को लक्ष्य मानक के अनुरूप अस्पताल में सुविधाएं मिलेंगी. उन्होंने कहा कि इसके तहत अस्पताल में सभी मूलभूत सुविधाओं का लाभ आमजनों तक सुनिश्चित किया जाता है.

70 प्रतिशत उपलब्धि पर सांत्वना पुरस्कार

डीसीक्यूए रवि चौधरी ने कहा कि तय मानक के सापेक्ष में 70 प्रतिशत उपलब्धि पर सांत्वना पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान है. सांत्वना पुरस्कार के रूप में सदर अस्पताल को 3 लाख, सामुदायिक स्वास्थ्य केद्रों एवं अनुमंडलीय अस्पतालों को एक लाख एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 50 हजार रुपये दिये जाते हैं. अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद ने कहा कि प्रसव कक्ष में नर्स व डॉक्टर पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं. अस्पताल आने वाली गर्भवती को सेवाओं व व्यवहारिक रूप से सभी सुविधाएं दी जा रही है. चिकित्सीय उपकरणों के रखरखाव, इस्तेमाल के तरीके व मरीजों से संबंधित जानकारी रजिस्टर में इंट्री आदि तमाम बिंदुओं पर सकारात्मक कार्य किए गए हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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