मधुबनी.
बिना निबंधन, बिना बोर्ड व मानक के अनुरूप जांच घर व नर्सिंग होम का संचालन नहीं होने के मामले में सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने झंझारपुर अनुमंडल के दो संचालकों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है. सिविल सर्जन ने संचालक को पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर अपने-अपने संस्थानों को बंद कर अर्थ दंड की राशि जिला निबंधन प्राधिकार के नाम से बैंक ड्राफ्ट जमा करने का निर्देश दिया है. आदेश का उल्लंघन करने पर संचालक के कठोर कार्रवाई की जाएगी.बिना निबंधन के संचालित नर्सिंग होम
सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार के निर्देश पर एनसीडीओ डॉ. एसएन झा एवं डीबीवीडीसीओ डॉ. डीएस सिंह ने झंझारपुर कोर्ट चौक स्थित शीतल गंगा जांच घर एवं महरैल स्थित मां श्यामा पॉली क्लिनिक का 21 नवंबर को जांच की. सिविल सर्जन को सौंपे प्रतिवेदन में जांच दल द्वारा संस्थानों को बिना निबंधन, बिना बोर्ड एवं मानक अनुरूप संचालित नहीं होने की बात कही गयी है. सिविल सर्जन ने बताया कि जिला में मानक अनुरूप संचालित नहीं होने वाले अभी तक 170 संचालकों पर अर्थ दंड लगाया गया है. इससे विभाग को 50 लाख रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है. सिविल सर्जन ने दोनों संचालकों से जवाब – तलब कर 50-50 हजार रुपचे का अर्थ दंड लगाया है. साथ ही संस्थान को पूर्णतया बंद करने का निर्देश दिया है. जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर हरेंद्र कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य में क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट रेगुलेशन लागू किए जाने के बाद अब सभी प्रकार के क्लिनिक, नर्सिंग होम, अस्पताल, लैबोरेट्री का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है. इसके लिए जिला स्तर पर जिला प्राधिकार के गठन की अधिसूचना जारी की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

