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शहर के तालाबों का पानी हुआ प्रदूषित

उपेक्षा. पांच दिन बाद भी नहीं हो सकी सफाई मधुबनी : आस्था के बाद प्रशासन की उदासीनता ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. पहले से ही गंदगी व कचड़े से प्रदूषण की मार झेल रहे तालाबों पर सरस्वती पूजा के बाद गंदगी का अंबार लग गया है. इसे सफाई कराने में प्रशासन विफल साबित […]

उपेक्षा. पांच दिन बाद भी नहीं हो सकी सफाई

मधुबनी : आस्था के बाद प्रशासन की उदासीनता ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. पहले से ही गंदगी व कचड़े से प्रदूषण की मार झेल रहे तालाबों पर सरस्वती पूजा के बाद गंदगी का अंबार लग गया है. इसे सफाई कराने में प्रशासन विफल साबित हो रहा है. आलम यह है कि पूजा के पांच दिन बाद से अब तक तालाबों के सफाई का काम शुरू तक नहीं हो सका है. जिससे तालाबों के पानी के प्रदूषित होने का खतरा और बढ़ गया है.
नप बरती रही उदासीनता . प्रत्येक पर्व त्योहार के पहले व बाद में शहर में सफाई की जिम्मेवारी नगर परिषद होती है. इसको लेकर ये उदासीन हो जाएंगे तो शहरवासी को परेशानी होती है. पूजा के पूर्व व बाद में सफाई ठीक ढंग से नहीं होने से श्रद्धालु को परेशानी होती है. हमारे यहां मूर्ति पूजा के बाद प्रतिमा को पवित्र सरोवर या नदी में विसर्जन की प्रथा रही है. साथ ही पूजा से पूर्व इसमें स्नान की भी प्रथा है. ऐसे में शहर स्थित तालाबों की पूजा से पूर्व या बाद में सफाई की जिम्मेदारी नगर परिषद की होती है. स्कूल – कॉलेजों एवं विभिन्न क्लबों द्वारा सरस्वती पूजा आस्था व हर्षोल्लास के साथ पूजा अर्चना की गयी.
नाच गाने के साथ प्रतिमा का विसर्जन पवित्र तालाबों में किया गया. पर इसके बाद की पहल नहीं हो सकी. नगर परिषद द्वारा प्रतिमा के अवशेष तालाबों से निकालने में उदासीन बना हुआ है. हालांकि कुछ तालाबों की सफाई कराई गयी. पर कुछ तालाबों में खरपतवार तालाबों में तैरती नजर आ रही है. यह तालाबों के किनारे एवं घाटों पर जमा हो गयी है. जिसके कारण लोगों को स्नान करने में परेशानी हो रही है. मूर्ति व पूजा सामग्री के विसर्जन के चार दिन बीत गये. जिसके कारण सरांध होने लगी है.
500 जगहों पर होती है पूजा. सरस्वती पूजा मुख्य रूप से विद्यार्थियों द्वारा किया जाता है. प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार पूरे शहर में करीब 500 जगहों पर सरस्वती की मूर्ति स्थापित करके पूजा होती है. जिसका विसर्जन तालाबों की साफ-सफाई दो चार दिनों के अंदर नहीं होती है. इन सभी प्रतिमा और पूजा सामग्री का प्रवाह तालाबों में ही किया जाता रहा है.
कचरा व गंदगी से बढ़ी परेशानी
शहर में हैं 23 तालाब
3.5 वर्ग मील में फैली शहर में 23 तालाब है. छठ, दूर्गा पूजा, सरस्वती पूजा सहित अन्य पूजा से पूर्व व बाद में इसकी सफाई नगर परिषद की होती है. सरस्वती पूजा के बाद लोग प्रमुख रूप से गंगासागर तालाब, नगर परिषद तालाब, मूरली मनोहर तालाब, लक्ष्मीसागर, ब्रह्मस्थान स्थित तालाब सहित अन्य तालाबों में प्रतिमा विसर्जन किया जाता है.
शुरू होगी सफाई
शहर स्थित तालाबों की साफ-सफाई प्रत्येक वर्ष पूर्व से कराई जाती है. सरस्वती पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन तालाबों में हुई. तालाबों की सफाई शुरू करा दी गयी है.
खालिद अनवर, मुख्य पार्षद

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