17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

माॅडल बनेगा सदर अस्पताल

मधुबनी : शहर का सदर अस्पताल के दिन बहुरने वाले हैं. अब यहां आने वाले मरीजों को पहले से ज्यादा सुविधा मिलेगी. यहां के सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित किया जायेगा. इसकी कवायद की जा रही है . सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अप्रैल से इस योजना पर काम होना […]

मधुबनी : शहर का सदर अस्पताल के दिन बहुरने वाले हैं. अब यहां आने वाले मरीजों को पहले से ज्यादा सुविधा मिलेगी. यहां के सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित किया जायेगा. इसकी कवायद की जा रही है . सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अप्रैल से इस योजना पर काम होना शुरू हो जायेगा. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक के नेतृत्व में सिविल सर्जन व डीपीएम के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है.

कार्ययोजना बनायी जा रही है. इस बाबत सिविल सर्जन डाॅ अमर नाथ झा ने बताया कि मधुबनी के सदर अस्पताल को माॅडल अस्पताल के रुप में विकसित करने की योजना है. इसके लिये विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार आकलन टीम का गठन कर रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजी जायेगी, इसके बाद राज्यस्तरीय टीम आकर सदर अस्पताल आकर सुविधाओं का आकलन करेगी. माॅडल अस्पताल बनने से मरीजों को कई सुविधाओं में और इजाफा हो जायेगा. माॅडल अस्पताल बन जाने से एंबुलेंस की संख्या बढ़ायी जायेगी. ओपीडी वातानुकूलित रहेगा. पैथोलोजी जांच की सुविधा मरीजों को मिलेगी. इसके अलावे अन्य सुविधा में भी बढ़ोतरी की जायेगी. उपकरणों की संख्या में इजाफा किया जायेगा.

ये मिलेगी सुविधा . सदर अस्पताल में 24 घंटे ऑपरेशन, मॉड्यूलर ओटी, वातानुकूलित ओपीडी और पैथोलॉजी जांच की सुविधा दी जायेगी. इसके अलावा सिटी स्कैन और एमआरआइ जांच की भी सुविधा रहेगी.
135 बेड का है अस्पताल . वर्ष 2009 सदर अस्पताल को 500 बेड मुहैया करने की घोषणा हुई थी. पहले 100 बेड की कैपिसीटी इस अस्पताल में थी. घोषणा के बाद 135 बेड की क्षमता कर दी गई, पर 500 बेड मुहैया अब तक नहीं हो सकी. माॅडल अस्पताल बनने के बाद 500 बेड मुहैया होने की उम्मीद है.
फिलहाल महज 12 चिकित्सक . सदर अस्पताल में वर्तमान में महज 12 चिकित्सक ही कार्यरत है. इसका असर ओपीडी सहित अन्य विभाग में भी मरीजों की देखभाल में प्रतिकूल असर पड़ रहा है. माडल अस्पताल होने के बाद 74 चिकित्सक होने का आस जगी है.
रहता जल जमाव . अस्पताल में फिलहाल जल निकासी की समस्या वर्षों से है. अस्पताल के परिसर में आठ माह जलजमाव रहता है. इसके लिए विभाग को कई बार पत्र लिखा जा चुका है.
जांच की सुविधा का बढ़ेगा दायरा
औसतन 20 हजार मरीज हर माह होते हैं पंजीकृत
सदर अस्पताल में फिलहाल औसतन 20 हजार मरीज हर माह अपना इलाज कराने आते हैं. अस्पताल में वर्तमान में चर्मरोग , एनिस्थिसिया, रेडियोलोजिस्ट, माइक्रोबाइलोजिस्ट , मानसिक रोग का विशेषज्ञ नहीं है. इसके अलावा अस्पताल में सर्जन के विशेषज्ञ भी नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें