मधुबनी : नगर थाना क्षेत्र के स्टेडियम रोड निवासी स्व. नूर आलम की विवाहिता पुत्री शबनम आरा के गुमशुदगी के दो साल बाद अब इसकी जांच को कोर्ट के आदेश पर आईबी ने शुरू कर दिया है. इससे परिजन व गांव के लोगों में शबनम के सही स्थिति के जानकारी होने की संभावना जाग गयी […]
मधुबनी : नगर थाना क्षेत्र के स्टेडियम रोड निवासी स्व. नूर आलम की विवाहिता पुत्री शबनम आरा के गुमशुदगी के दो साल बाद अब इसकी जांच को कोर्ट के आदेश पर आईबी ने शुरू कर दिया है. इससे परिजन व गांव के लोगों में शबनम के सही स्थिति के जानकारी होने की संभावना जाग गयी है. हर कोई इस उम्मीद में है कि शबनम को अब आइबी की टीम निश्चय ही निकाल लेगी. हालांकि बीते दो साल में परिजन ने जिले से लेकर राज्य स्तर के हर अधिकारी तक के दरवाजे को खटखटा दिया है.
लेकिन अब तक तक शनबन का कोई सुराग पुलिस को नहीं लग पायी है. अपहृता के भाई को तो तब शबनम के मिलने की आस भी नहीं है. उसे तो यह आशंका है कि कहीं उसकी बहन की हत्या कर उसकी लाश को ही न गायब कर दिया गया हो. शबनम के भाई मो. महताब आलम ने बताया कि इस मामले के अनुसंधानकर्ता पुलिस अधिकारी ने ना तो मेरी बहन को ही बरामद कर सके और ना ही इस मामले में आरोपित किसी आरोपी को गिरफ्तार ही किया जा सका है.
2014 में दर्ज हुई प्राथमिकी. कई साल शबनम से परिजन की बातें नहीं हुई तो शबनम के ससुराल पक्ष के उपर शबनम के अपहरण, हत्या व शब गायब कर देने के संबंध में शबनम के भाई एम आलम ने नगर थाना में प्राथमिक दर्ज करायी. इसको नगर थाना में दर्ज प्राथमिकी संख्या 431/14 में पांच नामजद आरोपी बनाए गए. मो. सैयूम एवं नसीमा खातून को आरोपित किया गया.
किसी की गिरफ्तारी नहीं . शबनम के गुमशुदगी मामले में पुलिस के वरीय पदाधिकारियों द्वारा किए गए अनुसंधान पर्यवेक्षण एवं विशेष प्रतिवेदन में सभी अभियुक्तों के विरुद्ध सत्य पाए जाने के बावजूद एक भी अभियुक्त को न तो गिरफ्तारी कर सकी है और ना ही इस मामले में कुर्की जब्ती ही हो सकी है. जिस कारण परिजनों में शबनम के हत्या कर लाश को गायब कर देने की आशंका सताने लगी है. शबनम आरा की बरामदगी नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक कमजोड़ वर्ग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. कमजोड़ वर्ग के एसपी ने सभी फरार अभियुक्त की गिरफ्तारी करने एवं फरार अभियुक्त मो. नसीम के विरुद्ध डीआरएम मुगलसराय को पत्र लिखकर कानून सम्मति कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश भी दिया था . एसपी ने कांड के अभियुक्त मो. सैयूम द्वारा उच्च न्यायालय में गलत बयानी कर जमानत ले लेने पर जमानत रद्द करने के लिए भी विधि सम्मत कार्रवाई का निर्देश दिया.
खास बातें
दो साल पहले गायब हुई थी शबनम
प्राथमिकी के दो साल बाद भी एक भी आरोपित गिरफ्तार नहीं
2007 से परिजन को शबनम की कोई जानकारी नहीं, हाइकोर्ट ने दिया था सीबीआइ जांच का आदेश
क्या है मामला
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार स्टेडियम रोड निवासी स्व. नूर आलम की पुत्री की शादी झंझारपुर निवासी मो. सैयूम कैयुम के पुत्र फिरोज अहमद से साथ जनवरी 2006 में हुई थी. शादी के बाद से ही दहेज की मांग को लेकर शबनम को ससुराली पक्ष के द्वारा प्रताड़ति किया जाने लगा. इसी बीच 2007 में मायके आई शबनम को देवर फैयाज व ननदोसी नसीम शबनम को विदेश जाने के बहाने वापस गुजरात ले गए. तब से शबनम को मायके में किसी से कोई बात नहीं हो सकी है और ना ही शबनम का कोई सुराग ही पुलिस को लग सका है.