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थाली से गायब हो रही हरी सब्जी

बारिश से जिले में सब्जी की खेती चौपट , 50 रुपये बिकने लगा बैगन बाजार में ग्राहक की कमी, घाटे में व्यवसाय मधुबनी : शहर के सब्जी बाजार में इन दिनों ग्राहक नजर नहीं आ रहे . सब्जी पर इस कदर महंगाई की रंग चढ़ी कि लोग सब्जी खरीदना और खाना ही भूल गये. आलम […]

बारिश से जिले में सब्जी की खेती चौपट , 50 रुपये बिकने लगा बैगन

बाजार में ग्राहक की कमी, घाटे में व्यवसाय
मधुबनी : शहर के सब्जी बाजार में इन दिनों ग्राहक नजर नहीं आ रहे . सब्जी पर इस कदर महंगाई की रंग चढ़ी कि लोग सब्जी खरीदना और खाना ही भूल गये. आलम यह है कि जिन्हें लोग सब्जी बाजार में सब्जी किलो के भाव में खरीदते देखते हैं उसे हैरत से देखते हैं. मध्यमवर्गीय परिवार तो हरी सब्जी की स्वाद ही भूलते जा रहे हैं. जिला में लगातार हो रहे बारिश, अन्य प्रदेशों से आवक में हुई कमी के कारण सब्जी आम लोगों के पहुंच से दूर हो गयी है. आम लोग इन दिनों आलू सोयाबिन, आलू मटर की सब्जी दिन रात खाने को मजबूर हैं. बाजार में अब केवल अन्य प्रदेशों से आ रहे सब्जी ही उपलब्ध है.
हर सब्जी की कीमत बढ़ी:बाजार में इन दिनों हर सब्जी की कीमत बढ़ गयी है. बैंगन 50 रुपये किलो बिक रहा है तो भिंडी 30 से 40 रुपये किलो बिक रहा है.
बारिश से खेती चौपट: सब्जी की कीमत बढने का सबसे अहम कारण जिले में सब्जी की खेती का चौपट होना रहा . कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जुलाई माह में 301 एम एम बारिश हुई . इसके अलावे नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में पानी होने के कारण मधेपुर, जयनगर, बेनीपट्टी, फुलपरास, लौकहा सहित अन्य कई क्षेत्रों में बाढ़ आयी. जिस कारण इन क्षेत्रों में सब्जी की खेती पूरी तरह चौपट हो गयी. सब्जी के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में इन प्रखंडों की गिनती होती है. अकेले खुटौना एवं मधेपुर ही जिले के कुल सब्जी के खपत का 60 फीसदी आपूर्ति करता है. पर बाढ़ आ जाने के कारण इन क्षेत्रों की खेती पूरी तरह बरबाद हो गयी है.
बाजार को लगी नजर: सुबह से शाम तक खरीदारों से गुलजार रहने वाले गिलेशन बाजार को इन दिनों ग्राहक के दर्शन को तरस रहा है. ना जाने इस बाजार को किसकी नजर लगी कि दिन भर में सौ खरीदार भी नहीं आ रहे हैं. एक तो महंगाई ने बाजार को प्रभावित किया है. दूसरी गिलेशन बाजार में गंदगी इस कदर है कि खरीदार नहीं आ रहे हैं. इस बाजार में गंदगी इस कदर है कि लोगों को चलने तक में परेशानी होती है. इससे बाजार के विक्रेताओं को हर दिन हजारों का नुकसान हो रहा है. सब्जी की कीमत अधिक होने के कारण खरीदार नहीं आ रहे हैं. दूसरा बारिश है. ऐसे में सब्जी अधिक दिनों तक बाजार में टिक नहीं पा रहा है. जिस कारण अब सब्जी सड़ने लगी है. विक्रेता रामू साह, महावीर साह, लूटन साह, कादरखान, मोहनी देवी बताती हैं पिछले चार पांच सालों में ऐसी खराब स्थित कभी नहीं आयी थी. अन्य प्रदेश से सब्जी मंगाते है. पर खरीदार नहीं आने के कारण सब्जी खराब हो जाता है और उसे फेंकना पड़ता है. जिस कारण हर दिन हजारों का नुकसान हो रहा है.
सोमवार को बाजार में हरी सब्जी की कीमत इस प्रकार रही
बैगन : 50 रुपये प्रति किलो
भिंडी : 30 से 40 रुपये
कद्दू : 50 रुपये प्रति पीस
नेनुआ : 15 से 20 रुपये
कुंडली : 25 से 30 रुपये
पालक : 25 से 30 रुपये
झिगनी : 20 से 30 रुपये
कदीमा : 25रुपये किलो
परवल : 40 रुपये से 50 रूपये
करैला : 50 रुपये
खीड़ा : 60 से 80 रुपये
फुलगोभी : 110 रुपये
पत्ता गोभी : 60 से 70 रुपये
बोरा : 40 रुपये
आलू : 22 से 25 रुपये
नींबू : 10 रुपये जोड़ा
ओल चलानी : 60 रुपये
ओल देसी : 120 रुपये
केला कच्चा : 40 रुपये दर्जन

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