मधुबनी : बाल विकास विभाग इन दिनों अधिकारियों व कर्मियों की कमी से जूझ रहा है. जानकारी के अनुसार जिले के 21 में से सात प्रखंडों में सीडीपीओ का पद वर्षों से रिक्त है, जो दूसरे जगह के सीडीपीओ या वहां के बीडीओ, सीओ को प्रभार देकर चलाया जा रहा है. इन अधिकारियों को अपने मूल कार्य से ही समय नहीं बचता कि वो इधर केंद्रित होकर समय दें. जिले के डीपीओ के पद भी वर्षों से प्रभार में संचालित किये जा रहे हैं.
इसी तरह जिले भर में स्वीकृत 135 पर्यवेक्षिका की जगह यहां मात्र 58 महिला पर्यवेक्षिका ही कार्यरत हैं. इनके 77 पद रिक्त रहने से भी पर्यवेक्षण का कार्य कागजों पर ही संपादित किया जा रहा है. मुख्यालय में कार्यालय अधीक्षक, लेखापाल, सांख्यिकी पदाधिकारी का तो सभी प्रखंडों में अनुसेवक के पद रिक्त हैं.