मधुबनी : एक ओर जहां लोग एक धूर जमीन के लिए मारने-मरने पर उतारू हो जाते हैं. जमीन की कीमत दिनो-दिन आसमान छू रही है. शंभुआर गांव के ग्रामीणों ने रास्ते के लिए अपनी कई एकड़ उपजाऊ जमीन उदाहरण पेश किया है. मंशा यह है कि पड़ोसी गांव के लोगों से संबंध और बेहतर हो सके. जिला मुख्यालय से सटे शंभुआर गांव में आज हर गली में सड़क है,
लेकिन गांव के अगल-बगल के कई टोलों सहित करीब नौ-दस गांवों में जाने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. इसके निदान को लेकर गांव के लोगों ने आपस में विचार किया. फिर सभी अपनी जमीन देने के लिए राजी हो गये.
लाखों की जमीन में बन रहा रास्ता. गांव के लोगों ने लाखों की जमीन रास्ते के लिए खुशी-खुशी दे दी है. इस रास्ते के बीच में आने वाले पेड़ों को भी काट दिया गया है. गांव के अवकाश प्राप्त डीआइजी अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि उनके गांव से सटकर कल्याणपुर, पोखरसाम, चांदी टोल, कैटोला,शेष पेज 13 पर
रास्ते के लिए
सलमपुर सहित अन्य टोले हैं. यहां के लोगाें से वर्षों से संबंध है, लेकिन रास्ता दूर रहने के कारण लोगों का आना-जाना कम हो गया था. इस मसले को लेकर गांव के गणेश सिंह, राम प्रसाद यादव, राम विलक्षण सिंह, कुंदन सिंह, भोला यादव, जगदीश पासवान सहित अन्य लोगों से बात की गयी. सभी ने सहमति जतायी कि पड़ोसी गांव से संबंध सुधारने के लिए वे अपनी जमीन देने को तैयार हैं.