मधुबनी : जिले का इकलौता अल्पसंख्यक बालक छात्रावास के छात्र शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं. शहर के बिजली कार्यालय के समक्ष बने इस छात्रावास भवन का उद्घाटन 27 फरवरी 2004 को तत्कालीन डीएम हुकुम सिंह मीणा के समय में हुआ था.
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शुद्ध पेयजल का है अभाव, छात्र परेशान
मधुबनी : जिले का इकलौता अल्पसंख्यक बालक छात्रावास के छात्र शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं. शहर के बिजली कार्यालय के समक्ष बने इस छात्रावास भवन का उद्घाटन 27 फरवरी 2004 को तत्कालीन डीएम हुकुम सिंह मीणा के समय में हुआ था. छात्रावास के सभी बेड हैं भरे : अल्पसंख्यक बालक छात्रावास 100 बेड […]
छात्रावास के सभी बेड हैं भरे : अल्पसंख्यक बालक छात्रावास 100 बेड का है. लगभग सभी बेड भरे हुए हैं.
इसमें स्थानीय डीएनवाइ कॉलेज, आरके काॅलेज व जेएन कालेज सहित अन्य महाविद्यालयों के छात्र रह रहे हैं. सिंगल सीट के लिए 250 रुपये व चार सीट वाले कमरे के लिए 200 रुपये मासिक लगते हैं. सिक्योरिटी मनी के रूप में छात्रों से 500 रुपये लिए जाते हैं. छात्रावास में बिजली की सुविधा बहाल है.
इलेक्ट्रानिक मीटर भी लगा हुआ है. कॉमन रूम भी है. साइकिल स्टैंड भी है. दो स्वीपर की व्यवस्था है. शौचालय सही हालत में है. जलापूर्ति की व्यवस्था भी है. मोटर व पंप की भी व्यवस्था है. टेलीविजन की भी सुविधा है. छात्रावास में शुद्ध पेयजल का अभाव है. छात्रों ने बताया कि मोटर से जो पानी निकल रहा है वह स्नान करने लायक है, लेकिन पीने व खाना बनाने के लायक नहीं है.
छात्रावास का दो समरसेबल चापाकल भी है जो खराब पड़ा है. मदरसा के चापाकल से पानी लाकर छात्र पीने व खाना बनाने को मजबूर हैं. कैंटीन का छात्रावास में अभाव है. जेनेरेटर का भी अभाव है.
क्या कहते हैं छात्र नायक : छात्र नायक मो अख्तरुल जमा ने बताया कि पेयजल को छोड़ कर कोई अन्य समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि नया बोरिंग करके जलापूर्ति की व्यवस्था होनी चाहिए. खेल का सामान भी छात्रावास के छात्रों को मिलनी चाहिए.
क्या कहती हैं अधिकारी : जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रश्मि झा ने कहा कि छात्रावास में छात्रों को सभी आवश्यक सुविधा उपलब्ध है. जल की समस्या को शीघ्र दूर कर लिया जायेगा.
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