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गौरवशाली अतीत का ध्वस्त वर्तमान !

गौरवशाली अतीत का ध्वस्त वर्तमान !हाल शहर के ऐतिहासिक वाटसन उच्च विद्यालय का मधुबनी. शहर का ऐतिहासिक वाटसन उच्च विद्यालय का वर्तमान काफी निराशा जनक है. आजादी से पूर्व 1901 में इस उच्च विद्यालय की स्थापना की गयी थी. इस स्कूल ने देश को कई आइसीएस, आइएएएस व आइपीएस दिये, लेकिन वर्तमान में हालत इतनी […]

गौरवशाली अतीत का ध्वस्त वर्तमान !हाल शहर के ऐतिहासिक वाटसन उच्च विद्यालय का मधुबनी. शहर का ऐतिहासिक वाटसन उच्च विद्यालय का वर्तमान काफी निराशा जनक है. आजादी से पूर्व 1901 में इस उच्च विद्यालय की स्थापना की गयी थी. इस स्कूल ने देश को कई आइसीएस, आइएएएस व आइपीएस दिये, लेकिन वर्तमान में हालत इतनी बदतर है कि सिर्फ चार कमरों में उच्च विद्यालय की कक्षाएं चल रही है. कमरों के अभाव में उच्च विद्यालय में पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. मैट्रिक की परीक्षा नजदीक है. छात्र अपने भविष्य को लेकर डरे सहमे से हैं. गौरवशाली अतीत का वर्तमान धूमिल है. गैलरी में रखी है उत्तर पुस्तिका वाटसन उच्च विद्यालय के गैलरी में प्लस टू की मूल्यांकन की गयी उत्तर पुस्तिकाएं रखी हुई है. इससे छात्रों की कक्षाएं गैलरी में संचालित नहीं हो पा रही है. सभाकक्ष बना हॉलवाटसन उच्च विद्यालय का हॉल सभा कक्ष में तब्दील हो गया है. लगभग पांच सालों से हॉल का उपयोग विभागीय कार्यक्रमों के आयोजन के लिये किया जा रहा है. हॉल में पढ़ाई नहीं हो रही है. लैब में रखे गये नियोजन के कागजातउच्च विद्यालय के साइंस लैब में नियोजन के कागजात रखे हुए हैं. इस कमरे में प्रायोगिक कक्षाएं नहीं हो रही है. विज्ञान के छात्रों में आक्रोश गहराता जा रहा है. कहने को उच्च विद्यालय का विज्ञान भवन अलग से बना हुआ है पर इसमें न तो विज्ञान की पढाई होती है न प्रायोगिक कक्षाएं. शिक्षक नियोजन के समय में इस भवन का उपयोग होता है. टूटे बेंच डेस्क भवन के बरामदे पर रखे हुये हैं. कई विषयों के शिक्षक नहीं शिक्षकों की कमी से पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. शिक्षकों के उच्च विद्यालय में 22 स्वीकृत पद हैं. इसमें सिर्फ 11 कार्यरत हैं. भौतिकी, संस्कृत, भूगोल, हिंदी, मैथिली में शिक्षकों के अभाव से छात्रों में हाहाकार मचा है. नहीं है शौचालय1100 छात्रों वाले इस उच्च विद्यालय में शौचालय का अभाव है. महिला शौचालय भी नहीं है. चापाकल भी सिर्फ एक है जिससे छात्रों, शिक्षकों व कर्मियों में रोष व्याप्त है. बदहाल है खेल का मैदानवाटसन स्कूल में खेल का विशाल मैदान है, लेकिन मिट्टी भराई नहीं होने के कारण आये दिन जल जमाव हो जाता है. इससे छात्र खेलने के लिए तरसते रहते हैं. खेल मैदान का उपयोग नेताओं के राजनीतिक भाषण या अन्य कार्यक्रमों के लिए किया जाता रहा है. मैदान में मंच भी बना हुआ है. खेल मैदान की बदहाली के कारण राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन जिला मुख्यालय में नहीं हो पाता है. इसे दूरदराज के गांव में आयोजित किया जाता है कि जबकि सरकार का निर्देश है कि ऐसे प्रतियोगिताओं का आयोजन जिला मुख्यालय में किया जाये. अधूरा है भवनमंच के पीछे दस साल से अधूरा भवन पड़ा हुआ है, लेकिन इसे पूरा करने की चिंता किसी को नहीं है. छात्रों ने मांग की है कि इस अधूरे भवन का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा कराया जाये. बेकार पड़ा जिम का सामानउच्च विद्यालय के लिये जिम का सामान आ चुका है. पर अभी तक कमरे के अभाव में जिम के सामान को व्यवस्थित ढंग से फिट नहीं किया जा सका है जिससे जिम का लाभ छात्र छात्राओं को नहीं मिल रहा है. ज्ञात हो कि इस उच्च विद्यालय में शारीरिक शिक्षक भी पदस्थापित हैं. लाइब्रेरी है पर लाइब्रेरियन नहीं उच्च विद्यालय में लाइब्रेरी है पर लाइब्रेरियन नहीं हैं जिसके कारण छात्रों को परेशानी हो रही है. कंप्यूटर है पर कंप्यूटर शिक्षक नहीं जिसके कारण कंप्यूटर की पढ़ाई नहीं हो रही है. छात्रावास जर्जरवाटसन उच्च विद्यालय का छात्रावास जर्जर स्थिति में है जिसके कारण दूरदराज के गांवों के यहां पढ़ने वाले छात्रों को काफी परेशानी हो रही है. बार बार कहने के बाद भी बिजली का मीटर बिजली विभाग वाटसन उच्च विद्यालय में नहीं लगा रहा है जिसके कारण छात्र अंधेरे में रहने को विवश हैं. छात्रों ने छात्रावास में मीटर नहीं लगाने पर कार्यपालक अभियंता कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी है. क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक वाटसन उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामकृष्ण मिश्र का कहना है कि उपलब्ध संसाधनों के बीच छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है. परीक्षाफल भी काफी संतोषजनक रहता है. डीडीसी ने किया शिविर का उद्घाटन मधुबनी. वाटसन उच्च विद्यालय के समीप गायत्री परिवार की ओर से आयोजित आयुर्वेदिक स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का उद्घाटन डीडीसी हाकिम प्रसाद ने किया. गायत्री परिवार के धीरेंद्र कुमार मल्लिक ने बताया कि अत्याधुनिक कंप्यूटराइज मशीन से शरीर के अंगों की जांच की जाती है. मुंबई के आयुर्वेदाचार्य डाॅ वीरेंद्र ठाकुर द्वारा नये व पुराने बीमारी का इलाज किया जा रहा है. इस अवसर पर जिले के आयुर्वेदिक चिकित्सक डाॅ अमरनाथ झा ने कहा कि वर्तमान में आयुर्वेदिक इलाज की प्रासांगिकता बढ़ गयी है. आयुर्वेदिक दवाओं के सेवन को उन्होंने काफी सुरक्षित बताया. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक जड़ी बुटी से बनी आयुर्वेदिक दवाओं के सेवन से सभी तरह की बीमारी का निदान संभव है. अखिल भारतीय गायत्री परिवार के धीरेंद्र कुमार मल्लिक ने कहा कि छह दिनों तक शिविर चलेगा. शिविर को सफल बनाने में गायत्री परिवार जुट गयी है. मरीजों की भीड़ उमड़ने लगी है. निगरानी जांच की प्रगति धीमी मधुबनी. स्थानीय बीआरसी भवन व वाटसन मिडिल स्कूल के कंप्यूटर भवन में चल रहे निगरानी जांच की प्रगति काफी धीमी है. सिर्फ एक प्रखंड राजनगर से ही फोल्डर प्राप्त हुआ है. कुछ अन्य प्रखंडों से प्राप्त हुआ है पर यह त्रुटिपूर्ण है. रहिका, बेनीपट्टी प्रखंड से अभी तक फोल्डर नहीं आ सका है. इसके कारण जांच कार्य प्रभावित है. निगरानी जांच कर रहे अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि विडंबना है कि कई दिन बीतने के बाद भी अभी तक न तो कंप्यूटर उपलब्ध कराया गया है न ही प्रिंटर. इधर बीआरसी भवन की सफाई निगरानी कर्मियों के लिये की जा रही है. पर नियोजन इकाई की लापरवाही के कारण फोल्डर ही नहीं आ रहा है. इससे जांच कार्य को गति नहीं मिल रही है. विदित हो कि प्राथमिक व मिडिल स्कूलों में नियोजित शिक्षकों का निगरानी जांच के लिये फोल्डरों को लिया जा रहा है. आरोप है कि कुछ बीइओ व नियोजन इकाई निगरानी विभाग को समय से फोल्डर नहीं उपलब्ध करा रहे हैं. जिले में कई नियोजित शिक्षकों पर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यरत रहने का आरोप है. जिस कमरे में निगरानी जांच चल रही है उसमें प्रकाश की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण निगरानी कर्मियों में आक्रोश है. निगरानी जांच कार्य में डीपीओ स्थापना कार्यालय के लिपिक रंजीत कुमार मिश्र,शिक्षक मिथिलेश बिहारी दत्त प्रतिनियोजित किये गये हैं.

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