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एक साल में एक दिन भी नहीं हुआ वर्ग संचालन

एक साल में एक दिन भी नहीं हुआ वर्ग संचालन हाल वाट्सन प्लस टू विद्यालय का निजी कोचिंग संस्थानों से तैयारी पूरी की छात्रों ने कई छात्रों को प्रथम श्रेणी प्राप्त करने की है उम्मीद नाम किसी का काम किसी का हाल वाटसन प्लस टू विद्यालय का फोटो- 09परिचय: वाटसन प्लस टू विद्यालय का भवन […]

एक साल में एक दिन भी नहीं हुआ वर्ग संचालन हाल वाट्सन प्लस टू विद्यालय का निजी कोचिंग संस्थानों से तैयारी पूरी की छात्रों ने कई छात्रों को प्रथम श्रेणी प्राप्त करने की है उम्मीद नाम किसी का काम किसी का हाल वाटसन प्लस टू विद्यालय का फोटो- 09परिचय: वाटसन प्लस टू विद्यालय का भवन कहने को तो सरकार एवं शिक्षा महकमा छात्रों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिये येाजना संचालित कर रही है. आये दिन इसमे सुधार के दावे भी किये जा रहे हैं. पर हकीकत ऐसी है कि पुराने जमाने के लोग इस जमाने की शिक्षा व्यवस्था का हाल देख सर पीट रहे हंैं. बुजूगोंर् के मूंह से आये दिन यह सुनने को मिलता है कि उनके जमाने में एक दिन भी विद्यालय में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों को दंडित किया जाता था. पर अब तो आलम यह है कि साल में एक दिन भी वर्ग संचालन ही नहीं होता है. प्रभात पड़ताल में जिला मुख्यालय का सबसे मुख्य माने जाने वाला वाट्सन प्लस टू विद्यालय की स्थिति मधुबनी: उस विद्यालय में पढने वाले छात्रों के पाठ्यक्रम की स्थिति क्या होगी जिस विद्यालय में एक दिन भी वर्ग संचालन नहीं हुई हो. छात्र पूरी तरह से निजी ट्यूशन एवं कोचिंग पर निर्भर हो गये हैं. साल में एक दिन भी नहीं हो सका वर्ग संचालन. मार्च में संभावित है इंटर की परीक्षा. कैसे सफल होंगे इंटर के परीक्षार्थी.यह सोच सोच कर वाटसन प्लस टू स्कूल के परीक्षार्थी परेशान हैं. विद्यालय प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है.क्या है मामला वाटसन प्लस टू विद्यालय में इवीएम मशीन रखी हुई है. इसकी निगरानी में पुलिस के जवान भी प्रतिनियुक्त हैं. इस कारण से वर्ग संचालन नहीं हो रहा है. छात्र छात्राएं मजबूर हैं.कमरों की कमी नहीं वर्ग संचालन के लिये प्लस टू विद्यालय में सात कमरे हैं. सभी सात कमरे काफी सुसज्जित हैं. यह कमरा छात्रों के काम नहीं आ रहा है. वर्ग संचालन के लिये कमरे छात्र छात्राओं को ललचा रहे हैं. 15 शिक्षक हैं पदस्थापित वाटसन प्लस टू विद्यालय में मार्च में संभावित इंटर परीक्षा में 200 से अधिक परीक्षार्थी शामिल होंगे. यहां 15 शिक्षक शिक्षिकाएं इंटर के छात्रों को पढाने के लिये पदस्थापित हैं. पर विडंबना है कि वे एक दिन भी वर्ग संचालन नहीं कर सके. ऐसे में कैसे परीक्षा में सफल होंगे परीक्षार्थी. यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है. गुणवत्ता का दावा खोखलासरकार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पर बल दे रही है. कह रही है कि इंटर की परीक्षा में परीक्षार्थियों को नकल करने की छूट नहींे दी जायेगी. पर इंटर की परीक्षार्थी व इसी स्कूल की छात्रा कंचन कुमारी कहती है कि जिला शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण वर्ग संचालन नहीं हो सका. विभाग चाहती तो किसी दूसरी जगह पर वर्ग संचालन की व्यवस्था कर सकती थी. वहीं एक अन्य छात्रा अंजली कुमारी कहती है कि परीक्षा का नाम सुन कर ही वह सोच में पड़ जाती है. क्या कहते हैं छात्रवाटसन प्लस टू विद्यालय के छात्र व इंटर के परीक्षार्थी अनिल कुमार कहते हैं कि जब पढाई हुई ही नहीं तो संतुष्ट होने या न होने का सवाल ही पैदा नहीं होता. एक अन्य छात्र अनिल कुमार ने बताया कि वे कोचिंग से इंटर की तैयारी कर रहे हैं. अंकित कुमार ने कहा कि कोचिंग व निजी टयूसन में काफी खर्च होता है. इससे छात्रों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ता है. कुछ छात्रों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें यकीन है कि वे प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होंगे क्योंकि उन्होंने सभी विषयों की कोचिंग भी की है. विनीत कुमार कहते हैं कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर काफी गिर गया है. ऐसे में निजी कोचिंग ही सहारा है. दीपा कुमारी,दिव्या कुमारी,आरती कुमारी व अंजली कुमारी ने कहा कि उनकी तैयारी पूरी है. उन्हें उम्मीद है कि वे इंटर की परीक्षा में प्रदेश में अव्वल स्थान पायेंगे. उन्होंने प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में दक्ष शिक्षकों से पढाई पूरी की है. नाम किसी का काम किसी का इस स्कूल में इंटर की परीक्षा में यदि परीक्षाफल संतोषजनक हो तो कोई आश्चर्य की बात नहीं. क्योंकि तैयारी परीक्षार्थियों ने निजी कोचिंग संस्थानों से की है. परीक्षार्थी फातमा ने कहा इसी को कहते हैं नाम किसी का काम किसी का. नाम होगा वाटसन प्लस टू स्कूल का और काम होगा निजी कोचिंग संस्थान का. क्या कहते हैं प्रभारी वाटसन प्लस टू विद्यालय के वरीय व्याख्याता इंद्र कांत झा का कहना है कि पूर्व में भी विद्यालय का परीक्षाफल काफी संतोषजनक रहा है. अधिकांश छात्रों ने प्रथम श्रेणी में उत्तीर्णता हासिल की. मार्च 2016 में होने वाली इंटर की परीक्षा में भी इस स्कूल के प्लस टू के छात्र छात्रा सफलता का परचम लहरायेंगे. वहीं केमेस्ट्री के व्याख्याता अंसारुल हक ने कहा कि इवीएम रखे जाने के कारण पिछले कुछ सालों से विद्यालय में वर्ग संचालन नहीं हो रहा है.

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