मधुबनी : नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एनबीपीडीसीएल )वर्ष 14 में ही जिला के 1102 गांव का चयन विद्युतीकरण के लिये किया गया था. पावर कंपनी के सर्वे के अनुसार इसमें 102 गांव ऐसे थे जहां पूर्व में बिजली का पोल गाड़ा गया.
इन गांव को प्रथम चरण में प्राथमिकता के आधार पर बिजली पहुंचाना था. पावर कंपनी ने इस काम के लिए बजाज प्रोजेक्ट को ठेका दे दिया. बजाज प्रोजेक्ट द्वारा पिछले एक साल से सर्वे किया जा रहा है. प्रोजेक्ट द्वारा अभी तक काम शुरू नहीं किया गया है. जिस कारण इन इलाका के लोगों में काफी आक्रोश है.
इन गांवों में आनी थी बिजली: पावर कंपनी द्वारा जिले के बेनीपट्टी में 105 गांव, जयनगर में 108, मधवापुर में 70, झंझारपुर में 102, बिस्फी में 105, मधुबनी में 40, पंडौल में 80, हरलाखी में 107, दयोधा में 20 सहित और गांव में भी राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण के तहत 11 वां योजना के तहत इस गांव में विद्युतीकरण की योजना थी . ज्ञात हो कि इन 1102 गांव में करीब 100 गांव ऐसे है जहां अतिपिछड़ा, पिछड़ा मुसहर टोल, पासवान टोल में बिजली लगना था जहां आजादी के बाद अभी तक बिजली का तार पोल नहीं पहुंचा है.
पोल व तार की कमी से बंद है काम : विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त गांव में जो विद्युतीकरण करना है उसके लिए बजाज प्रोजेक्ट को तत्काल 7 हजार पोल 205 क्वाइल तार एवं अन्य समान के आपूर्ति समय पर नहीं हो पाया. जिस कारण अभी तक काम चालू नहीं किया गया है. प्रथम फेज में जो 102 गांव का विद्युतीकरण करना था उसमें अभी तक सिर्फ 48 गांव में ही पोल गिरा है. बांकी जगह काम शुरू भी नहीं किया गया है.
विभाग के निर्देश का नहीं हो रहा पालन : पावर कंपनी ने दिसंबर 14 तक सभी गांव का सर्वे कर काम चालू करने का निर्देश दिया था लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है. जिस कारण चिह्नित गांव में अभी तक काम नहीं किया गया है. प्रोजेक्ट कंपनी पोल तार का बहाना बनाकर काम को अंजाम नहीं दे रहा है. अगर यही हाल रहा तो इन गांव के लोगों को बिजली की सुविधा नहीं मिल पायेगा.