हरी सब्जियों के दामों में वृद्धि, थाली से गायब हो रही सब्जी
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जले में सेव से महंगा बिक रहा शिमला मिर्च
हरी सब्जियों के दामों में वृद्धि, थाली से गायब हो रही सब्जी जिला मुख्यालय में प्रतिदिन 20 से 25 क्विंटल की है बिक्री मधुबनी : प्याज के आंसू से अभी निजात भी नहीं मिल पाया है. ऐसे में हरी सब्जियों के दामों में दो से 4 गुना की बढोतरी उपभोक्ताओं की कमर तोड़ दी है. […]
जिला मुख्यालय में प्रतिदिन 20 से 25 क्विंटल की है बिक्री
मधुबनी : प्याज के आंसू से अभी निजात भी नहीं मिल पाया है. ऐसे में हरी सब्जियों के दामों में दो से 4 गुना की बढोतरी उपभोक्ताओं की कमर तोड़ दी है. प्याज की भांति ही आम उपभोक्ता के थाली से हरी सब्जी गायब होने लगा है. ऐसे में सदाबहार आलू ही लोगों को राहत दे रहा है. गत सप्ताह हुई बारिश के बाद जल जमाव से परेशान आम लोग अब हरी सब्जी के लिए भी तरस रहे है. वहीं हरी सब्जियों का दाम आसमान छुने लगा है. विडंबना है कि सेव के दामों में बिक रहा है हरी सब्जी. जहां सौ रुपये में डेढ़ किलो सेव बिक रहा है. वहीं सौ रुपये में डेढ़ किलो परवल, गोभी, टमाटर व बैगन बेचा जा रहा है.
दामों में उछाल. हरी सब्जी के दामों में विगत तीन दिनों से भारी उछाल है. जिसके कारण गृहिणियों घरेलू वजह भी चरमरा गया है. 25 से 30 रुपये प्रति किलो बिकने वाला परवल 60 रुपये किलो बिक रहा है. 40 रुपये प्रति किलो करैला अब 60 रुपये, 20-25 रुपये प्रति किलो झीगनी 40 रुपये 60-70 रुपये प्रति किलो का गोभी सेव से भी महंगा हो कर 100 रुपये किलो बिक रहा है. यहीं हाल भींडी का भी है जहां 4 दिन पहले 20 रुपये किलो भीड़ी मिलता था अब 40 रुपये मिल रहा है. सबसे कम कीमत 10 रुपये प्रति किलो बिकने वाला नेनुआ भी अब 40 रुपये किलो बिक रहा है. 50-60 रुपये प्रति किलो बिकने वाला शिमला मिर्च सौ रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
हरी सब्जी खरीदने में समस्या. हरी सब्जियों के दामों में वृद्धि होने से उपभोक्ताओं के जेब पर हरी सब्जी भारी पर रहा है. 3-4 दिन पहले जहां सौ रुपये की खरीदारी में 3-4 प्रकार की हरी सब्जी उपलब्ध हो रहा था. अब इतने ही सब्जियों के खरीदारी के लिए दो सौ से ढाई सौ रुपये खर्च करना पड़ रहा है. जिसके कारण अब थाली में हरी सब्जी केवल शोभा की वस्तु बन कर ही रह गया है. जिसे देखकर ही उपभोक्ता संतोष कर रहे है.
बारिश का है असर. फुटपाथ फुटकर विक्रेता संघ के कोषाध्यक्ष सह सब्जी विक्रेता अशोक कुमार साह ने बताया कि गत दिनों हुए भीषण बारिश के कारण हरी सब्जियों के आवक में कमी आयी है. साथ ही इसके दामों में वृद्धि हुआ है. उन्होंने कहा कि पूर्व में जहां समस्तीपुर से 10-15 पीकअप वैन हरी सब्जी गिलेशन बाजार आता था. अब 7-8 पीकअप वैन ही आ रहा है.
इसके अलावा लोकल सब्जी के किसान के खेतों में पानी लगने के कारण भी सब्जियों के दामों में वृद्धि हुआ है. श्री साह ने बताया कि मुख्यालय में प्रतिदिन 20-25 क्विंटल हरी सब्जी की खप्त है. जिसमें लोकल सब्जी का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सेदारी होता था. जो अब 10 प्रतिशत से भी नीचे स्तर पर चला गया है.
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