शहर में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती नहीं होने से आवागमन की समस्या गंभीर
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स्वच्छ व सुंदर शहर का सपना अधूरा
शहर में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती नहीं होने से आवागमन की समस्या गंभीर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी शहर की साफ-सफाई व्यवस्थामें नहीं हुआ बदलाव मधुबनी :स्वच्छ व सुंदर मधुबनी बनाने का सपना अधूरा है. जिला प्रशासन व नगर परिषद की उदासीनता से शहर की यातायात व्यवस्था में न सुधार हुआ है और […]
करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी शहर की साफ-सफाई व्यवस्थामें नहीं हुआ बदलाव
मधुबनी :स्वच्छ व सुंदर मधुबनी बनाने का सपना अधूरा है. जिला प्रशासन व नगर परिषद की उदासीनता से शहर की यातायात व्यवस्था में न सुधार हुआ है और न ही सफाईव्यवस्था बेहतर हुई है. शहर में पार्किंग, सफाई सहित अन्य की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. इससे शहर की हालत नारकीय है.
जिले स्थापना के 47 वर्ष बाद भी कोई भी क्षेत्र में स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. आबादी बढ़ी, लेकिन उस अनुपात में न तो सड़कों की संख्या बढ़ी और न ही नाला का निर्माण हुआ. करोड़ों रुपये खर्चों के बाद भी शहर की साफ-सफाई व्यवस्था में बदलाव नहीं दिख रहा है. ऐसे में स्वच्छ सुंदर शहर का सपना पूरा हो भी तो कैसे? शहर के सौंदर्यीकरण के लिए कई योजनाएं बनी. लेकिन नप की योजना आकार नहीं ले सकी
बदहाल है यातायात व्यवस्था : ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था नहीं रहने के कारण शहर में ट्रैफिक
नियमों का अनुपालन नहीं हो रहा है. शहर में कोई ऐसी सड़कें हैं जहां हर वक्त जाम की समस्या उत्पन्नहोती रहती है. शंकर चौक, स्टेशन चौक, बाटा चौक, थाना चौक सहित अन्य जगहों पर जाम की स्थिति उत्पन्न होने से लोगों को घंटों अपना कीमती वक्त बर्बाद करने को विवश हो रहे हैं.
बस स्टैंड की कमी : शहर से बस स्टैंड हटाने की कवायद पिछले कई वर्षों से हो रही है. नगर परिषद द्वारा कई बार बस स्टैंड के लिए कई स्थान को चिह्नित भी किया. लेकिन अभी तक बस स्टैंड की समस्या सुलझ नहीं पायी है. जिसके प्रति जिला प्रशासन व नगर परिषद गंभीर नहीं है. शहर में जहां हो स्टैंड बना दिया जाता है. चाहे वह थाना चौक हो या उसके पीछे खादी भंडार वाली सड़क या स्टेशन चौक व गंगासागर चौक सभी जगह छोटी-बड़ी वाहनों का स्टैंड बना हुआ है. जिससे सड़क जाम की स्थिति बनी रहती है.
नहीं है पार्किंग की व्यवस्था : शहर की आबादी तो बढ़ी. शहरमें कई बड़े बड़े मॉल, बैंक व संस्थान ने आकार लिया. लेकिन शहर में कहीं भी वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई है. जिसके कारण जिले भर से आए लोग सड़क किनारे ही अपने वाहन लगा देते हैं.
पार्क का अभाव : शहर में पार्कका अभाव है. बच्चों के लिए शहरमें ऐसा कोई स्थान नहीं है.
वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी कोई स्थान नहीं है जहां वे अपने अन्य साथी के साथ दो पल चैन से बिता सकें. बच्चों के लिए भी एक पार्क काली मंदिर के पास था. वह अब वह कूड़ेआन में तब्दील हो गया है.
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