ठंड की मार. ओपीडी में इलाज को आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा
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बढ़ी ठंड, अस्पताल में बढ़ने लगे सर्दी – बुखार के मरीज
ठंड की मार. ओपीडी में इलाज को आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा मधुबनी : ठंड का प्रकोप जैसे ही बढ़ना शुरू हुआ कफ-कोल्ड डायरिया, बुखार आदि से ग्रसित मरीजों का आने का सिलसिला भी तेज हो गया है. मंगलवार को ओपीडी के मेडिसिन विभाग में करीब चार सौ मरीज आये. इसमें सबसे अधिक […]
मधुबनी : ठंड का प्रकोप जैसे ही बढ़ना शुरू हुआ कफ-कोल्ड डायरिया, बुखार आदि से ग्रसित मरीजों का आने का सिलसिला भी तेज हो गया है. मंगलवार को ओपीडी के मेडिसिन विभाग में करीब चार सौ मरीज आये. इसमें सबसे अधिक मरीज कफ, सर्दी से ग्रसित ही थे. इससे संबंधित लगभग 140 मरीजों का उपचार व सलाह डाॅ डीएस मिश्रा द्वारा किया गया. चिकित्सक ने सभी मरीजों को ठंड के प्रकोप से बचने का भी सलाह दिया. हालांकि मरीज इलाज कराने के बाद अपने अपने घर चले गये.
सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया है कि मात्र तीन चार दिन के ठंड में जिस प्रकार से सर्दी, बुखार वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है, उससे यह आशंका है कि आने वाले दिनों में यदि ठंड अधिक रहा तो इसमें और अधिक इजाफा हो सकती है.
400 मरीज पंजीकृत
सदर अस्पताल के ओपीडी स्थित रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मंगलवार को लगभग 400 मरीज पंजीकृत किये गये. जिसमें 140 मरीज मेडिसिन में, 70-75 गर्भवती महिलाएं स्त्री व प्रसूति विभाग, 20 मरीज डेंटल, 35 मरीज इएनटी, 30 मरीज चर्म रोग, 20 मरीज टीवी, 40 मरीज चाइल्ड ओपीडी व 40 मरीज का सर्जिकल ओपीडी में चिकित्सकों द्वारा उपचार व आवश्यक सलाह दी गयी. मौसम का अचानक पारा बढ़ने के बाद ठंड का प्रकोप भी बढ़ गया. जिसके कारण मरीजों के अस्पताल आने में भी कमी दर्ज की जा रही है. पर जितने मरीज आ रहे हैं उसमें सबसे अधिक मरीज ठंड से होने वाली बीमारी वाले थे.
बच्चे व बुजुर्गों का करें बचाव
सदर अस्पताल के मेडिसिन ओपीडी में तैनात चिकित्सक डाॅ डीएस मिश्रा बताते है कि सर्दी के मौसम में कफ-कोल्ड, लेरिजाइटिस, कोल्ड डायरिया, बायरल डायरिया का प्रकोप अत्यधिक बढ़ जाता है. बच्चों में इस मौसम में निमोनिया का प्रकोप ज्यादा होता है. वहीं बुजुर्गों में पक्षाघात होने की संभावना बढ़ जाता है. इसके लिए ठंड के मौसम में बच्चे व बुजुर्गों को ठंड से बचा कर रखे. गर्म खाना व गर्म पानी का सेवन करें. सुबह व शाम की सैर करने वाले पूरे गर्म कपड़ों का प्रयोग करें. सूर्योदय के बाद ही सुबह की सैर को निकले. बच्चों को हमेशा ही गर्म कपड़े में लपेटने, घर में गर्मी के लिये हीटर व अन्य इंतजाम करने, हमेशा ही दूध उबाल कर पिलाने की नसीहत दी है. इसके साथ ही कहा है कि यदि बीमार पड़ें तो तत्काल ही चिकित्सक से सलाह व दवा लें.
सुबह में घना कुहासा, दिन चढ़ते ही खिली धूप
हालांकि मंगलवार का दिन लोगों के लिये कुछ राहत भरा रहा. सुबह में घने कुहासे के कारण लोगों को निश्चय ही काफी परेशानी हुई. पर दिन में करीब एक बजे के बाद सूर्य देव के दर्शन लोगों को हुआ. लोग धूप सेंकते रहे. धूप निकलते ही लोग बाजार में जरूरी काम के लिये भी आये. बाजार मे दिन में लोगों की भीड़ अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक देखी गयी. हालांकि सोमवार की शाम से ही कुहासा छाने लगा था. आठ बजे रात में कुहासा इस कदर छा गया कि लोगों को हाथ को हाथ नहीं दिखाई दे रहा था.
यह आलम मंगलवार के सुबह तक रहा. जिस कारण लोग देर तक अपने अपने कंबलों में ही दुबके रहे. लोग चारपहिया व मोटरसाइकिल के लाइट जला कर धीरे धीरे चलते रहे. इधर, कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड गेहूं के फसल के लिए अधिक फायदेमंद है. पर इससे अन्य कई फसलों को नुकसान हो सकता है.
अस्पताल में दवा उपलब्ध
सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए ठंड से संबंधित सभी प्रकार की दवा उपलब्ध है. साथ ही वीएमआइ सीएल से दवा आपूर्ति का अनुरोध भी किया गया है. जिससे मरीजों को दवा उपलब्ध हो सके.
डाॅ अमर नाथ झा, सिविल सर्जन
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