मधेपुरा. भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग में आवक्यूएसी के तत्वावधान में सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसका विषय रिसेंट ट्रेड्स इन ऑर्गेनिक सेंथेटिक था. सेमिनार में शोधार्थी व छात्राें के द्वारा 22 पेपर पढ़े गये. कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो नरेश कुमार ने की नोट एड्रेस पढ़ा गया. उन्होंने कहा कि कार्बनिक संश्लेषण 1828 से प्रारंभ हुआ व 20वीं शताब्दी में इसका सुनहला शताब्दी रहा. उन्होंने कार्बनिक संश्लेषण के कुल रॉबिलसन, वुडवार्ड के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि 21वीं शताब्दी में इस संश्लेषण ने क्रांतिकारी परिवर्तन लाया. इसके कारण से आज पूरी दुनिया में दवा व विभिन्न उद्योग के साथ-साथ फार्मासेटिकल व फुड केमेस्ट्री में महत्वपूर्ण व क्रांतिकारी परिवर्तन आया. इस संश्लेषण के लिए क्लिक केमेस्ट्री के लिए 2022 में तीन रसायनशास्त्री को नोबेल पुरस्कार भी दिया गया. उन्होंने कहा कि आज का युग क्लिक केमेस्ट्री व ग्रीन केमेस्ट्री को आगे बढ़ाने का मांग कर रहा है. आज आवश्यकता इस बात की है कि कम खर्च व कम समय में अधिकतम उत्पादन कैसे हो, जिसका समाज पर पर्यावरण में कोई वितरीत प्रभाव न पड़े. आज ऑर्गेनिक सेंथेसिस के बदौलत हमारा समाज अपने आर्थिक स्थिति को बेहतर करने में कामयाब हो रहा है. आवश्यकता इस बात की है कि हम गैस के बदले माइक्रो वेव ओवेन, अल्ट्रासाउंड, लाइट को ऊर्जा का वैकल्पिक रूप दें, जो नन टॉक्सिक व अधिक उत्पादन देने में सक्षम हो सके. साथ ही नन हेजार्डस हो, जिससे कि पर्यावरण को भी बचाया जा सके. उन्होंने शोधार्थियों से अपील किया कि ग्रीन सेंथेसिस को अपना कर ही बेहतर पर्यावरण व बेहतर प्रयोगशाला तैयार किया जा सकता है. कार्यक्रम को भौतिकी विभागाध्यक्ष प्रो उमाशंकर चौधरी व वनस्पति शास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो संग्राम सिंह ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम के संयोजक डा मोहित गुप्ता थे, जबकि सह संयोजक डा अर्नव सेन गुप्ता व अक्षी त्यागी थे. कार्यक्रम का संचालन धर्मेंद्र कुमार ने किया, जबकि पेपर पढ़ने वालों में धर्मेंद्र कुमार व ऋषभ कुमार को अपने-अपने विधा में प्रथम पुरस्कार दिया गया. सभी सहभागी को प्रमाण पत्र दिया गया. पेपर पढ़ने वाले में मुख्य रूप से अंशु कुमार, प्रशांत कृष्णा, ऋषभ कुमार, कोमल कुमारी, वर्षा राजन, विनीता कुमारी, राजेश रंजन, नसरीन परवीन, नताशा राज समेत अन्य शामिल थे. अंत में राष्ट्रगान के साथ धन्यवाद ज्ञापन अर्नव सेन गुप्ता ने किया.
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