प्रतिनिधि, चौसा सरकार आमजन को बेहतर स्वास्थ्य लाभ देने के लिए भले ही करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन अधिकारियों व कर्मियों के द्वारा सरकार की सुविधाओं को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. भले ही अस्पताल में लोगों को एक से दो दवाई देकर के टाल दिया जा रहा हो, लेकिन बची दवाई को विभाग को वापस नहीं कर दवाई को जलायी जा रही है. कुछ ऐसा ही माजरा सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौसा में देखने को मिला. जहां आपातकालीन कक्ष के पीछे गड्ढे में दवा जलायी जा रही थी, जिसका लोगों ने वीडियो बनाया लिया. हालांकि मीडियाकर्मियों के आने की भनक लगते ही आधे से अधिक अधजली दवाई को हटा दिया गया, लेकिन दवाई का अवशेष घंटा दो घंटे तक जलता रहा. इधर, सरकारी नियमों के अनुसार दवाई की तिथि एक्सपायर हो जाने पर उसे जलाया नहीं जाता है, बल्कि प्रखंड स्तर से जिला स्तर तक रिपोर्ट कर दवाई को वापस किए जाने का प्रावधान है. हालांकि इस संदर्भ में जब जानकारी लेने के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और स्वास्थ्य प्रबंधक से मिलने का प्रयास किया गया तो उस समय वह अस्पताल में मौजूद नहीं थे. ओपीडी ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉ निर्मल कुमार से मीडियाकर्मियों ने जानकारी लेने का प्रयास किया, तो उन्होंने कहा कि आप लोग सरकारी कार्य में बाधा डाल रहे हैं. हमें कोई जानकारी नहीं है. वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ज्ञान रंजन कुमार ने बताया कि दवाई जलाना कानूनी अपराध है. मामले की जांच कर दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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