फोटो-मधेपुरा-01-मोटरसाइकिल से निकल रहा धुंआ
प्रतिनिधि
मधेपुरा.
मधेपुरा, एक ऐसा शहर जिसकी सुंदरता और शांति को सड़क पर दौड़ रहे पुराने और कंडम वाहनों ने खतरे में डाल दिया है. वर्षों से इन वाहनों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो केवल यातायात जाम और ध्वनि प्रदूषण ही नहीं, बल्कि गंभीर वायु प्रदूषण का भी कारण बनती जा रही हैं. इन वाहनों से निकलने वाला धुआं, जिसमें मुख्यतः कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी घातक गैसें शामिल हैं, शहर के वायुमंडल को विषाक्त बना रहा है. शहर में पांच प्रदूषण जांच केंद्र लेकिन, वाहनों से निकलने वाले धुएं की जांच कराने नहीं कराया जाता है. शहर की आबोहवा में घातक कणों की मात्रा तेजी से बढी है. स्वास्थ्य के लिए हानिकारक कणों की उपस्थिति ने लोगों की सेहत के लिए खतरनाक स्थिति उत्पन्न कर दी है. इसकी वजह से रोगों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है, जिसमें सांस की बीमारियां, अस्थमा और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं. यह स्थिति केवल वायु प्रदूषण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग को प्रभावित कर रही है, खासकर उन लोगों को जो पहले से ही स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
– पुराने और कंडम वाहनों की करें पहचान, सड़क पर चलने से रोकें-
सड़क पर बढ़ते इन वाहनों के लिए जिम्मेदार संस्थाओं के बीच स्थल एवं सामंजस्य की कमी साफ देखी जा सकती है. आरटीओ (रोड ट्रांसपोर्ट ऑफिस), ट्रैफिक पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, इन सबकी जिम्मेदारी बनती है कि वे इन कंडम वाहनों पर रोक लगाएं और प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करें, लेकिन आपस में समन्वय और गंभीरता की कमी के कारण स्थिति बिगड़ती जा रही है. इन वाहनों के प्रति कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है और न ही नियमित जांच की जा रही है. आवश्यकता है कि प्रशासन इस समस्या का समाधान निकाले. सबसे पहले, एक ठोस योजना बनाई जानी चाहिए, जिसमें पुराने और कंडम वाहनों की पहचान करना और उन्हें सड़क से हटाना शामिल हो. इसके अलावा, नियमित रूप से वायु गुणवत्ता की निगरानी करना और आवश्यकतानुसार सख्त कानून लागू करना अनिवार्य है. साथ ही, लोगों को जागरूक करने की भी आवश्यकता है कि वे पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार रहें और नए तथा ईको-फ्रेंडली वाहनों का चयन करें.
– सभी मिलकर करें प्रयास, सुधर सकता है वायु की गुणवत्ता-
शहर की जनता भी इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और स्थानीय संगठन तथा एनजीओ इसके खिलाफ आवाज़ नहीं उठा रहे हैं. यदि हम सभी मिलकर प्रयास करें, तो हम अपनी शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित कर सकते हैं. इसलिए, यह आवश्यक है कि संबंधित विभाग गंभीरता से इस मुद्दे पर ध्यान दें और एक ठोस और रणनीतिक योजना के तहत कार्य करें, ताकि मधेपुरा की हवा को फिर से शुद्ध और स्वस्थ बनाया जा सके.
– वर्जन –
वाहन की जांच नियमित रूप से की जाती है. वाहनों को पकड़े जाने पर चालान काटा जाता है. सघन वाहन चेकिंग जारी है
निकिता कुमारी, डीटीओ, मधेपुरा.B
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