मधेपुरा : ठंड का कहर बढ़ने लगा है. सर्दी देह को भेद कर मज्जा तक को ठिठुरा रही है. लोग स्वेटर सहित अन्य गर्म कपड़ों से ढंक कर ही घर से निकल रहे हैं. दिन में धूप की गर्मी राहत देती है तो शाम होते-होते ठंप अपना राज कायम कर लेती है. मंगलवार को जिले में पारा लुढक कर आठ डिग्री से भी कम हो गया.
लेकिन हैरत की बात है कि कहीं भी अब तक अलाव नहीं जले हैं जब कि राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री इन दिनों जिले में मौजूद हैं. गौरतलब है कि आपदा नियमों के मुताबिक न्यूनतम तापमान दस डिग्री से कम होने पर अलाव जलाने के लिए स्थल का चयन कर अलाव जलवाना जिला प्रशासन का दायित्व है.
जिले को मिले हैं पचास हजार विगत दिनों जिले को आपदा विभाग की ओर से अलाव के लिए मात्र पचास रुपये आवंटित किया है. आपदा प्रबंधन कार्यालय के अनुसार इस राशि को सभी अंचल कार्यालय को निर्गत कर दिया गया है.
अंचल की ओर से अब तक अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. हालांकि यह दीगर है कि यह राशि एक बार के अलाव जलाने में खर्च हो जायेगी.गरीबों को हो रही परेशानी इस कड़ाके की ठंड में खास कर झुग्गी झोपड़ी में गुजर बसर करने वाले लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड एवं रैन बसेरा में डेरा डाल कर रह रहे लोगों का तो जीना दुश्वार हो गया है. सोमवार की रात जिले का न्यूनतम तापमान जहां 8 डिग्री रहा, वहीं मंगलवार को अधिकतम तापमान 22 डिग्री रहा.नगर परिषद भी लापरवाह नगर परिषद की सामान्य बैठक में शहर के विभिन्न चौक चौराहा सहित 18 जगहों पर अलाव की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया था,
परंतु इस निर्णय को अब तक अमलीजामा नहीं पहनाने से गरीबों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. घने कोहरे से वाहन चालक परेशान जिले में भीषण ठंड का प्रकोप शुरू हो गया है. घने कोहरे के बीच बहती हवा के कारण मौसम का पारा सोमवार को गिर कर आठ डिग्री पर पहुंच गया. घना कोहरा छा गया. इसके कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई.
मंगलवार की सुबह कोहरा तो नहीं था लेकिन हांड़ कपकपा देने वाली ठंड से आम लोगों को दिन भर भी निजात नहीं मिल सकी.— वर्जन — ‘ अलाव जलाने का निर्देश दिया गया है. स्थल चयन किया जा रहा है. दिन में गर्मी होने के कारण लोगों को राहत है.’ – कन्हैया प्रसाद, एडीएम आपदा, मधेपुरा