आदेश वापस लेने से लोगों में मायूसी प्रतिनिधि, उदाकिशुनगंज प्रखंड के मंजौरा ग्राम पंचायत के द्वारा संचालित सभी सरकारी योजनाओं की जांच कराये जाने के आदेश को महज 24 घंटे में वापस लिये जाने की खबर मिलते ही स्थानीय लोगों के बीच अचानक मायूसी छा गयी. मुखिया चंद समर्थक के बीच खुशियां देखी जाने लगी. दरअसल 24 अक्तूबर को डीडीसी द्वारा बीडीओ कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा को आदेश दिया गया था कि ग्राम पंचायत मंजौरा के मुखिया उपेंद्र मेहता द्वारा संचालित सभी सरकारी योजनाओं की जांच कर 36 घंटे के अंदर जांच प्रतिवेदन जमा करें. जिसकी जानकारी मिलते ही मुखिया ने अपने समर्थकों को उकसा कर 25 अक्तूबर को मंजौरा बाजार बंद व रोड जाम करवा कर जांच आदेश वापस लेने की मांग पर अड़े रहे. ऐसी स्थिति में विवाद आगे नहीं बढ़े इसलिए डीडीसी ने महज 24 घंटे के अंदर ही अपने आदेश को वापस ले लिया. इससे मुखिया व उनके समर्थक अपनी जीत तो मान गये. लेकिन अन्य पंचायत वासियों में मायूसी छा गयी. स्थानीय चमकलाल मेहता जैसे अन्य लोगों ने कहा कि अगर योजनाओं की जांच होती तो सरकारी राशि की बंदरबांट का खुलासा हो जाता. चमकलाल मेहता का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में पंचायत भवन में फर्नीचर व अन्य समानों के खरीद के लिए 14वीं वित्त आयोग से एक लाख 95 हजार पांच सौ रुपये का आवंटन हुआ था. मुखिया द्वारा राशि की निकासी भी कर ली गयी. लेकिन कोई समान खरीदा नहीं गया.मुखिया उपेंद्र मेहता इस आरोप को निराधार बता रहे हैं.
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आदेश वापस लेने से लोगों में मायूसी
आदेश वापस लेने से लोगों में मायूसी प्रतिनिधि, उदाकिशुनगंज प्रखंड के मंजौरा ग्राम पंचायत के द्वारा संचालित सभी सरकारी योजनाओं की जांच कराये जाने के आदेश को महज 24 घंटे में वापस लिये जाने की खबर मिलते ही स्थानीय लोगों के बीच अचानक मायूसी छा गयी. मुखिया चंद समर्थक के बीच खुशियां देखी जाने लगी. […]
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