मधेपुरा : सहरसा जिले के पतरघट थाना क्षेत्र अंतर्गत लक्ष्मीपुर मुसहरी के समीप मधेपुरा वार्ड 26 गरीब टोल निवासी 50 वर्षीय गजेंद्र यादव की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. गुरुवार को आक्रोशित लोगों ने जिला मुख्यालय स्थित कर्पूरी चौक को घंटों जाम कर आवागमन अवरूद्ध कर दिया.
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हत्या के विरोध में लोगों ने घंटों किया सड़क जाम
मधेपुरा : सहरसा जिले के पतरघट थाना क्षेत्र अंतर्गत लक्ष्मीपुर मुसहरी के समीप मधेपुरा वार्ड 26 गरीब टोल निवासी 50 वर्षीय गजेंद्र यादव की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. गुरुवार को आक्रोशित लोगों ने जिला मुख्यालय स्थित कर्पूरी चौक को घंटों जाम कर आवागमन अवरूद्ध कर दिया. जानकारी के अनुसार सहरसा जिले के […]
जानकारी के अनुसार सहरसा जिले के पतरघट थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर मुसहरी के समीप मधेपुरा वार्ड 26 गरीब टोल निवासी गजेंद्र यादव की बुधवार की देर शाम गोली मारकर हत्या कर दी गयी.
घटना की सूचना लोगों पतरघट पुलिस को दी. घटना स्थल पर पुलिस ने पहुंच कर गजेंद्र के शव सदर अस्पताल सहरसा पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पोस्टमार्टम के उपरांत शव को परिजनों को सौंप दिया गया. गुरुवार को शव गरीब टोल पहुंचते ही लोग आक्रोशित हो उठे.
मुहल्ले के लोगों ने जिला मुख्यालय के कर्पूरी चौक पर ट्रैक्टर पर शव रख कर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की.
रिजर्व के नाम पर ले गया था पतरघट
विलाप करते हुए गजेंद्र के पुत्र ब्रजेश कुमार व अंकेश कुमार ने बताया कि उनके पिता ऑटो चलाता था. बुधवार की देर रात लगभग आठ बजे स्टेशन पर दो लोगों ने पतरघट तक के लिए ऑटो रिजर्व किया. लगभग दो घंटे के बाद लक्ष्मीपुर उनके पिता के मौत की खबर आयी.
घटना स्थल पर जाने के बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि ऑटो पर सवार दोनों व्यक्ति व उनके पिता में पतरघट से लक्ष्मीपुर छोड़ने को लेकर बहश हुई. इसके बाद आपस में दोनों ने बात को सुलह कर लिया और लक्ष्मीपुर जाने को तैयार हो गये. लक्ष्मीपुर पहुंचते ही ऑटो पर सवार दोनों व्यक्तियों ने उनके पिता को गोली मार दिया.
आक्रोशित लोगों का कहना है कि अगर स्टेशन पर दोनों यात्री बैठे थे तो स्टेशन परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरा से दोनों की पहचान की जा सकती है. अगर जल्द प्रशासन इस दिशा में कोई पहल नहीं करता है, तो हमलोग फिर सड़क जाम कर प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे.
पतरघट पुलिस निक्कमी
आक्रोशित लोगों ने कहा पतरघट पुलिस निक्कमी है. रात्रि में फोन पर सूचना देने पर कहते हैं अभी उधर से ही आये थे, लेकिन कुछ नहीं हुआ है. जब वरीय अधिकारी को सूचना दी इसके बाद घटना स्थल पर पहुंचे. अगर थानाध्यक्ष तत्परता से कार्रवाई की होती तो आज शायद गजेंद्र यादव को बचाया जा सकता था और आरोपी को गिरफ्तार किया जा सकता था.
मामले की निस्पक्ष जांच की जायेगी. जांच में कोताही बरती जायेगी तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी. थानाध्यक्ष के कोताही मामले में भी जांच की जा रही है.
सुरेश प्रसाद चौधरी, डीआइजी, कोसी
डीआइजी के आश्वासन पर माने लोग
जाम की सूचना मिलते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी आर्य गौतम व सदर थानाध्यक्ष सुरेश राम सदल बल के साथ जाम स्थल पर पहुंच कर आक्रोशित लोगों से वार्ता कर जाम हटवाया. लोगों का कहना था कि इस हत्या की जांच डीआइजी स्तर से अलग टीम बनाकर की जाय. इसके बाद बीडीओ ने लोगों के समक्ष मोबाइल से डीआइजी से वार्ता कर घटना से अवगत कराया. कार्रवाई के आश्वासन मिलने के बाद इसके बाद लोग शांत हुये और जाम समाप्त किया.
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