सहरसा : तीसरे चरण का मतदान कराने अन्य जिलों से आये पुलिस अधिकारियों व जवानों ने मंगलवार की रात सहरसा से पाटलिपुत्रा जाने वाली जनहित एक्सप्रेस के जेनरल से एसी बोगी तक में कब्जा जमा लिया. स्लीपर व एसी बोगी में अपना रिजर्वेशन कराए यात्रियों के पहुंचने पर उन्हें उनकी जगह नहीं दी गयी. यात्री गेट से अपने सीट तक भी नहीं पहुंच पाए.
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जेनरल से एसी कोच तक पुलिस जवानों ने जमाया अवैध कब्जा, यात्रियों का हंगामा
सहरसा : तीसरे चरण का मतदान कराने अन्य जिलों से आये पुलिस अधिकारियों व जवानों ने मंगलवार की रात सहरसा से पाटलिपुत्रा जाने वाली जनहित एक्सप्रेस के जेनरल से एसी बोगी तक में कब्जा जमा लिया. स्लीपर व एसी बोगी में अपना रिजर्वेशन कराए यात्रियों के पहुंचने पर उन्हें उनकी जगह नहीं दी गयी. यात्री […]
सीट नहीं मिलने पर यात्रियों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया. ट्रेन को रोक यात्रियों के हंगामा करने की सूचना पर रेलवे अधिकारियों ने जवानों को समझाने बुझाने का प्रयास किया. लेकिन पुलिस जवान कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे. रेलवे अधिकारियों ने मामले की सूचना जिला प्रशासन को दी.
सूचना पर सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी, सदर थानाध्यक्ष राजमणि स्टेशन पर पहुंच पुलिस के जवानों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन वे जगह छोड़ने को तैयार नहीं थे. पुलिस के जबरन सीट कब्जा करने के कारण कई यात्रियों को रिजर्वेशन होने के बाद भी अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी. 11 बजे खुलने वाली ट्रेन दो घंटे विलंब एक बजे रात में खुली.
रिजर्वेशन वालों को भी बैठने में हुई परेशानी
मालूम हो कि मंगलवार को तीसरे चरण में मधेपुरा, खगड़िया और सुपौल लोकसभा क्षेत्र में मतदान हुआ.
शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए बाहर के कई जिलों से पुलिस पहुंची थी. चुनाव संपन्न कराने के बाद मंगलवार की रात सहरसा जंक्शन से पाटलिपुत्र जाने वाली जनहित एक्सप्रेस में बिना रिजर्वेशन व टिकट के एसी, स्लीपर सहित जेनरल बोगी में सवार हो गए.
जवानों के सवार होने से ट्रेन के सभी कोच में इतनी भीड़ हो गयी कि कोई वाजिब यात्री ट्रेन में घुस भी नहीं सके. रिजर्वेशन कराने के बाद भी ट्रेन में जगह नहीं पा सकने वाले यात्रियों ने हंगामा शुरू किया. इलाज कराने जा रहे कई मरीज भी ट्रेन में नहीं चढ़ सके.
हंगामे के कारण ट्रेन प्लेटफॉर्म से आगे बढ़ कर रुक गई. जिसके बाद आरपीएफ इंस्पेक्टर सारनाथ और जीआरपी थानाध्यक्ष अपनी पूरी टीम के साथ जनहित एक्सप्रेस के पास पहुंची. समझाने के बाद भी सीटों पर कब्जा जमाये पुलिसकर्मी और चुनावकर्मी आरक्षित सीटों से हटने का नाम नहीं ले रहे थे.
सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी के पहुंचने और उनके काफी समझाने बुझाने के बाद एसी और स्लीपर बोगी में आरक्षण कराये कुछ यात्रियों को बैठने की जगह दी गयी. तब जाकर रात एक बजे जनहित एक्सप्रेस को खोला जा सका. जबकि कई यात्री रिजर्वेशन होने के बाद भी अपनी यात्रा रद्द कर वापस घर लौट गये.
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