लाली पहाड़ी व श्रृंगिऋषि धाम अब भी लोगों की पहली पसंद
नये साल को लेकर लोगों में जबरदस्त उमंग, सुबह पूजा-अर्चना कर करेंगे नववर्ष की शुरुआत
राजेश कुमार, लखीसराय
2026 के आगमन का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. शहर में नये साल के स्वागत को लेकर उत्साह चरम पर मात्र एक ही दिन शेष हैं और लोगों में जश्न का जोश दिखाई देने लगा है. इसके बावजूद लखीसराय शहर में अब भी व्यवस्थित पिकनिक स्पॉट की कमी लोगों को खल रही है. नगर परिषद की उपेक्षा का नतीजा है कि शहरवासियों को अब तक मनोरंजन व पिकनिक के लिए कोई ऐसा विकसित स्थल नहीं मिल सका, जहां परिवार के साथ सुरक्षित व सुविधाजनक माहौल में समय बिताया जा सके. शहर के बुद्धिजीवी अधिवक्ता रामबालक यादव, बैंकर्स मनोज कुमार, व्यवसायी कुंदन कुमार, भरत चंद्रवंशी, विद्यालय संचालक अमरजीत कुमार, शिक्षक चंदन कुमार, राकेश कुमार व देवेंद्र कुमार उर्फ पप्पू आदि बताते हैं कि मनोरंजन स्थल न होने के कारण लोग अपने घरों की छत या घर के कैंपस में ही साउंड सिस्टम लगाकर पुराने साल को अलविदा और नये साल का स्वागत करने को मजबूर हैं. उनका कहना है कि मात्र 24 घंटे बचे हैं और अभी से ही लोगों में नये साल की लेकर जबरदस्त उमंग देखी जा रही है.
शहर का एकमात्र पिकनिक स्पॉट में शामिल लाली पहाड़ी है, जहां लोग अपने स्तर पर खाना बनाने से लेकर मनोरंजन तक की सारी व्यवस्था खुद करते हैं, क्योंकि वहां किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं है, इसके अलावा शहरी क्षेत्र में ऐसा कोई स्थान नहीं है, जहां परिवार के साथ बैठकर सुकून से पिकनिक मनायी जा सके. बालगुदर स्थित संग्रहालय घूमने के लिए खुला रहता है, जबकि श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर अशोक धाम, बड़हिया स्थित शक्ति पीठ मां बाला त्रिपुर सुंदरी व पहाड़ी व पेड़ों की गोद में बसे श्रृंगिऋषि धाम मंदिर में लोग पूजा-अर्चना कर नये साल की शुरुआत करते हैं. शहर में स्थित लाली पहाड़ी अब भी लोगों की पहली पसंद बना हुआ है. वहीं, पड़ोसी जिला मुंगेर के भीमबांध इस मामले में आगे है, जहां बेहतर सुविधाएं मिलने के कारण सैलानियों की भीड़ उमड़ती है. शहरवासी उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में लखीसराय में भी एक विकसित पिकनिक जोन का निर्माण हो, ताकि नया साल और भी खुशनुमा तरीके से मनाया जा सके.इन जगहों पर उमड़ती है भीड़
शहर के वार्ड संख्या 33 में स्थित लाली पहाड़ी तथा धार्मिक स्थल शामिल शामिल एक में स्थित श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर अशोक धाम तथा शहर से 15 किलोमीटर दूर बड़हिया स्थित मां बाला त्रिपुर सुंदरी मंदिर व 20 किलोमीटर दूर बन्नूबगीचा थाना क्षेत्र स्थित श्रृंगिऋषि धाम है, जहां लोग जाना पसंद करते हैं. सावन महीने में यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं. लगन के दिनों में यहां मेला भी लगता है. लगन के दिन में भी यहां भीड़ लगी रहती है. वहीं हर वर्ष पहली जनवरी को बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार के साथ यहां पहुंचकर पूजा करते हैं और नये साल की शुरुआत करते हैं.संग्रहालय में नये साल पर उमड़ती है भीड़
शहर के मुख्य द्वार पर अवस्थित बालगुदर संग्रहालय संग्रहालय में गौरवशाली गाथाओं और इतिहास को संजोए हुए है, नये साल के पहले दिन यहां भारी भीड़ जुटती है, लोग अपने परिवार के साथ न सिर्फ जश्न मनाते हैं, बल्कि इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां भी प्राप्त करते हैं. संग्रहालय के अंदर की बहुमूल्य कलाकृति आकर्षण का केंद्र रहती है.अशोक धाम में विशेष तैयारी
बिहार के देवघर के नाम से प्रसिद्ध अशोक धाम मंदिर व मां बाला त्रिपुर सुंदरी मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र रहता है. हर मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा होती है. नये साल की देखते हुए मंदिर के पुजारी और समिति तैयारियों में जुट गये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

