मेदनीचौकी. प्रखंड के टाल क्षेत्र में मकई के फसल में तना छेदक कीड़े के प्रकोप से किसान परेशान हो रहे हैं. भिड़हा मौजे के दर्जनों किसानों ने बताया कि मकई की खेती सैकड़ों एकड़ जमीन में नकदी फसल के रूप में प्राथमिकता के तौर पर लगाया गया है. महंगी लागत से लगाये गये इस फसल का पौधा डेढ़ से दो फीट का हो चला है. अभी पौधे में ग्रोथ बनने का समय- काल चल रहा है. ऐसे में मकई के पौधे में तना छेदक कीड़े का प्रकोप लग रहा है, जिससे पौधे को नुकसान हो रहा है. किसान कीड़े उन्मूलन के लिए छिड़काव का सहारा ले रहे हैं तथा पटवन कर खाद का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन गभ्भा व तना छेदक कीड़े के हमले से पौधे का ग्रोथ प्रभावित हो रहा है. मंहगा बीज, खाद, सिंचाई इत्यादि से किसान आर्थिक रूप से परेशान रहते हुए कीड़ा खोरी की मुसीबत झेलने को मजबूर हो रहे हैं. जबकि मकई फसल का पूरे जीवन काल का अभी आधा सफर ही तय हुआ है. कीड़ाखोरी व प्राकृतिक आफत से किसानों की परेशानी काफी बढ़ गयी है.
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