अव्यवस्था. सदर अस्पताल में अव्यवस्था का आलम
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एक ड्रेसर के भरोसे सदर अस्पताल
अव्यवस्था. सदर अस्पताल में अव्यवस्था का आलम सदर अस्पताल लखीसराय में इन दिनों अव्यवस्था का आलम है. यह एक ड्रेसर के भरोसे संचालित हो रहा है. इससे अावश्यक्ता पड़ने पर ड्रेसर उपलब्ध नहीं हाे पाते हैं. स्थिति यह है कि परिजनों द्वारा इलाज के लिए दबाव बनाने पर मरीजों को पटना रेफर कर दिया जाता […]
सदर अस्पताल लखीसराय में इन दिनों अव्यवस्था का आलम है. यह एक ड्रेसर के भरोसे संचालित हो रहा है. इससे अावश्यक्ता पड़ने पर ड्रेसर उपलब्ध नहीं हाे पाते हैं. स्थिति यह है कि परिजनों द्वारा इलाज के लिए दबाव बनाने पर मरीजों को पटना रेफर कर दिया जाता है.
लखीसराय : जहां एक और राज्य सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने का दावा करती है, वहीं दूसरी और जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में की स्थिति इससे उलट दिखती है. सदर अस्पताल अवार्ड लेने में आगे दिखता है, लेकिन यहां चिकित्सा कर्मियों के अभाव में बिना संपूर्ण इलाज किये रोगी को पटना रेफर कर दिया जाता है. बुधवार की दोपहर एक बजे ट्रेन से उतरने के क्रम में गंभीर रूप से जख्मी सूर्यगढ़ा प्रखंड के लक्ष्मीपुर उरैन निवासी अर्कमलिया देवी को गुरुवार को सदर अस्पताल लाया गया,
लेकिन आकस्मिक विभाग में ड्रेसर के अभाव में उसकी ड्रेसिंग भी नहीं की गयी. खानापूर्ति के नाम पर पानी चढ़ा कर डयूटी पर तैनात चिकित्सक डाॅ रामेश्वर महतो ने उनको पटना रेफर कर दिया. इस संबंध में पूछे जाने पर चिकित्सक ने बताया कि आकस्मिक विभाग में ड्रेसर के पद पर एक भी कर्मी नहीं है, जिसके कारण गंभीर रूप से जख्मी मरीज की ड्रेसिंग नहीं हो सकी. इसकी सूचना उन्होंने फोन पर सिविल सर्जन,अस्पताल उपाधीक्षक सहित अन्य वरीय पदाधिकारियों को दिया, लेकिन एक घंटे तक कुछ नहीं किया जा सका.
इलाज के लिए दबाव बनाया, तो किया रेफर
जख्मी महिला को सदर अस्पताल पहुंचाने वाले ग्रामीण विनोद तांती, घुलेटन तांती, श्रुती देवी, रामज्योति देवी ने बताया कि घायल महिला अपनी मां के साथ अकेली रहती है. इसके परिवार में कोई भी पुरुष सदस्य नहीं हैं, हमलोगों को जब जानकरी मिली तो बुधवार की रात भर किसी तरह अपने गांव में रख कर इलाज कराया. तबीयत ज्यादा खराब होने पर बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर आये, लेकिन पिछले एक घंटे से इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. जब हमलोगों ने इलाज के लिए जोर दिया तो डयूटी में तैनात चिकित्सक ने पटना रेफर कर दिया, जबकि इसको देखने वाला बूढ़ी मां के सिवाय कोई नहीं है.
बोले अस्पताल उपाधीक्षक
सदर अस्पताल में ड्रेसर का एक ही पद रहने के कारण काम में कठिनाई होती है. ड्रेसर रात्रि ड्यूटी कर चला गया था. इस कारण इलाज में विलंब हुआ. उक्त मरीज का ड्रेसर को बुलाकर ड्रेसिंग कर दिया गया.
डाॅ मुकेश कुमार, अस्पताल उपाधीक्षक
ट्रेन से उतरने के क्रम में गंभीर रूप से जख्मी एक महिला को लाया गया सदर अस्पताल
इलाज के नाम पर एक घंटे तक खानापूरी कर महिला को पटना कर दिया गया रेफर
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