आदेश के बावजूद बालू का हो रहा अवैध उठाव फोटो संख्या:01-किऊल नदी बालू साइड प्रतिनिधि4लखीसरायबालू लखीसराय जिले की नकदी फसल माना जाता है, लेकिन तीन माह से अधिक समय हो गये सरकार के घाट से बालू के उठाव पर रोक लगाये जाने की वजह से लखीसराय जिला सहित आसपास के जिले में बालू के लिए हाहाकार मचा है. इससे रियल स्टेट कारोबार प्रभावित हो रहा है. सरकार द्वारा जारी निर्देश के बाद 31 दिसंबर से बालू उठाव का कार्य बंद है. हजारों बालू मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गयी और उनका परिवार भूखमरी की कगार पर है. आदेश के बावजूद नहीं रूका बालू का अवैध उठाव आदेश के बावजूद बालू उठाव पर पूरी तरह रोक नहीं लग पाया है. प्रशासन व स्थानीय थाना की मिली भगत से बालू माफिया चिहिृनत घाटों से बालू का उठाव कर उसे दो से तीन गुणी कीमतों पर बेच रहे हैं. इससे सरकारी राजस्व को व्यापक क्षति होती है. खनन विभाग या स्थानीय प्रशासन इन बालू माफियाओं की गतिबिधियों पर नकेल डालने का प्रयास नहीं कर रहा. बालू के ऊपर मिट्टी का लेयर डालकर हो रही बालू की ढ़ुलाई जानकारी के बालू माफिया द्वारा इस अवैध कारोबार संचालन के लिए रोज नया हथकंडा अपनाया जाता है. बालू साइड पर ट्रैक्टर में बालू लोड करने के बाद प्लास्टिक डालकर उसपर मिट्टी का लेयर डाल दिया जाता है ताकि लोगों को लगे कि ट्रैक्टर सें मिट्टी की ढ़ुलाई की जा रही है. बालू माफिया खुले आम इसे गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं. इसके लिए बालू कारोबारी द्वारा क्षेत्र के थाना व पदाधिकारियों को बंधी बंधाई रकम दी जाती है और इसके एवज में उन्हें लूट की खुली छुट दी जाती है. सुरजीचक बालू साइड से इस तरह का कारोबार खुलेआम हो रहा है. सुरजीचक घाट से बालू का उठाव कर उसे नाव के द्वारा बेगूसराय जिला भेजा जा रहा है.साकेतनगर सूर्यगढ़ा के विजय साव,थाना चौक सूर्यगढ़ा के रामवरण प्र. आदि के मुताबिक हर दिन दर्जनों ट्रैक्टर बालू लेकर ग्राहकों को बेच रहे हैं. कोई रोकने वाला नहीं है. लोग 35 सौ रुपया प्रति ट्रेलर बालू खरीदने को मजबूर हैं. बालू उठाव पर रोक के बावजूद गृह निर्माण के लिए मजदूर नहीं मिल रहा. बालू के अवैध कारोबार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है. कारोबार प्रभावित ईंट भट्ठा व सीमेंट कारोबारी जयशंकर अग्रवाल के मुताबिक बालू उठाव पर रोक की वजह से कारोबार प्रभावित हुआ है. भवन निर्माण के बड़े प्रोजेक्ट वर्क बंद है. लोग बालू का टेंडर होने व कीमतें कम होने का इंतजार कर रहे हैं. सरकारी योजनाओं का कार्य भी ठप्प हो गया है. सीमेंट व्यवसायी अशोक कुमार गुप्ता के मुताबिक वही लोग अभी अपना कार्य करवा रहे हैं जिन्हें इसकी आवश्यकता अधिक है. निविदा की राशि अधिक होने से नहीं हुई थी बालू घाटों की बंदोबस्ती 31 दिसंबर 2015 के पूर्व लखीसराय-जमुई बालू साइड का टेंडर पटना के राजनंदनी कंस्ट्रक्शन के पास था. कंपनी द्वारा एक वर्ष पूर्व लगभग 25 करोड़ में लखीसराय जिला में इसका टेंडर लिया गया था. लेकिन किऊल नदी में बालू की मात्रा कम होने की वजह से तथा टेंडर की राशि अधिक हो जाने के कारण अब संवेदक बालू घाट के टेंडर में दिलचस्पी नहीं ले रहे. हालांकि जिला प्रशासन द्वारा 03 बार टेंडर की प्रक्रिया की गयी लेकिन निविदा की निर्धारित रकम पर संवेदक उदासीन बने रहे. स्थानीय लोगों के मुताबिक किऊल नदी में पानी की कमी की वजह से बालू की मात्रा भी काफी कम हो गया है. कहते हैं पदाधिकारी भानू प्रकाश, जिला खनन पदाधिकारी : बालू माफियाओं की गतिविधियों पर नकेल डालने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. उन्हें अवैध बालू उठाव की जानकारी नहीं है. बालू साठड पर लगातार छापेमारी की जाती है. पिछले वर्ष 25 करोड़ में बालू घाटों का टेंडर हुआ था. बंदोबस्ती राशि की नये सिरे से समीक्षा की जा रही है ताकि पुन: निविदा निकालकर बालू घाट की बंदोबस्ती कार्य पूरा किया जा सके.
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आदेश के बावजूद बालू का हो रहा अवैध उठाव फोटो संख्या:01-किऊल नदी बालू साइड प्रतिनिधि4लखीसरायबालू लखीसराय जिले की नकदी फसल माना जाता है, लेकिन तीन माह से अधिक समय हो गये सरकार के घाट से बालू के उठाव पर रोक लगाये जाने की वजह से लखीसराय जिला सहित आसपास के जिले में बालू के लिए […]
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