ठाकुरगंज. एक तरफ जहां सरकारी स्कूल के नव निर्मित भवन चमकने रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ ठाकुरगंज प्रखंड में एक सरकारी स्कूल के बच्चे स्कूल भवन के अभाव में पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर है. आज इनकी पढ़ाई एक तपस्या से कम नहीं है. जमीन के अभाव में यह सरकारी स्कूल बिहार सरकार की खाली पड़ी भूमि पर पेड़ के नीचे चलता है. बच्चे उसी पेड़ के नीचे पढ़ाई करते हैं. यहां अक्सर सांप-बिच्छू निकलते रहते हैं. इन खतरों के बीच स्कूल में नामांकित 281 बच्चों को टीचर पेड़ के नीचे पूरी लगन और मेहनत से पढ़ाते है. साइंटिस्ट व शिक्षक बनने का सपना पाले ये बच्चे पेड़ के नीचे कठिन तपस्या कर रहे हैं. बच्चों ने बताया कि यहां सांप-बिच्छू निकलते रहते हैं. यहां पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि उनकी इच्छा है कि जल्दी से जल्दी स्कूल को अपनी जमीन मिल जाए और अपने भवन में पढ़ाई ठीक से शुरू हो सके.
2010 में अस्तित्व में आया था स्कूल
मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2009 और इसके आधार पर अधिसूचित बिहार राज्य मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 के तहत प्रावधान है कि वैसे सभी बसावट, जहां 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की संख्या कम से कम 40 हो के 1 किमी के भीतर स्कूल की स्थापना की जायेगी. जिसके आधार पर चुरली पंचायत में कई स्कूल खोले गए इसमें नया प्राथमिक विद्यालय कारगिल बस्ती, नया प्राथमिक स्कूल मतीन टोला और नया प्राथमिक स्कूल नाव डूबा खोला गया. नया प्राथमिक विद्यालय मतीन टोला के प्रधानाध्यापक वरुण कुमार ने बताया कि वर्ष 2010 से भूमि व भवन के अभाव में पहले गांव के ही मदरसा में चल रहा था लेकिन मदरसा संचालकों के दबाव में इसी वर्ष 26 जनवरी से यह स्कूल गांव में ही मौजूद बिहार सरकार की भूमि में शिफ्ट किया गया है. बताते चलें कि विद्यालय में अध्ययनरत सभी बच्चे अल्पसंख्यक बिरादरी के है. हालांकि गांव के समीप बड़े चाय बगान है लेकिन जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण उन चाय बगान मालिकों को स्कूल के लिए भूमि दान के लिए प्रोत्साहित नहीं किये जाने के कारण मतीन टोला स्कूल के बच्चे बंजारे की स्थिति में है.स्कूल में नामांकित हैं 281 बच्चे
मतीन टोला प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 में 66 छात्र वही कक्षा 2 में 52 तो कक्षा 3 में 53 और कक्षा 4 में 61 तो कक्षा 5 में 49 बच्चे नामांकित है . वही इन 281 बच्चो को पढ़ाने के लिए 4 नियमित शिक्षक और एक तालीमी मरकज के बावजूद प्रखंड शिक्षा कार्यालय ने एक शिक्षक की प्रतिनियुक्ति यहां कर दी.प्रतिनियुक्ति के नाम पर बिना टेंशन मनाई जा रही है वेकेशन
मतीनटोला स्कूल में 281 बच्चों को पढ़ाने के लिए चार नियमित शिक्षक व एक तालीमी मरकज के बाबजूद प्रखंड शिक्षा कार्यालय ने एक शिक्षक की प्रतिनियुक्ति यहां कर दी. संवाददाता सुबह 11 बजे स्कूल परिसर पहुंचे तो वहां प्रतिनियोजित शिक्षक मो अब्दुल करीम स्कूल नहीं पहुंचे थे. मूल विद्यालय दूसरा स्कूल होने के कारण उन्हें मार्क इन ड्यूटी की छूट है इसी कारण शिक्षक बिना स्कूल के दायरे में आये हाजरी बना सकता है. इसी का फायदा उठाया जा रहा है. सबसे बड़ा सवाल यह की पर्याप्त शिक्षक के बावजूद स्कूल में प्रतिनियोजन का खेल क्यों.
कहते है अधिकारी
इस मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अवधेश शर्मा ने बताया कि जल्द ही स्कूल का निरीक्षण कर उस स्कूल को अपनी जमीन मिले इसका प्रयास किया जाएगा. वहीं स्कूल में प्रतिनियोजित शिक्षक को मूल विद्यालय में भेजने का आदेश उन्होंने जारी करने की बात कही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

