ठाकुरगंज में प्री-टास टीम का प्रशिक्षण, नाइट ब्लड सर्वे पर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क
किशनगंज. फाइलेरिया जैसी गंभीर व दीर्घकालिक अपंगता देने वाली बीमारी से जिले को मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग सुनियोजित व चरणबद्ध रणनीति के तहत कार्य कर रहा है. राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत प्री-टास (नाइट ब्लड सर्वे) को एक निर्णायक चरण माना जाता है, जिसके माध्यम से माइक्रो फाइलेरिया संक्रमण की वास्तविक स्थिति, उसकी व्यापकता और रोग की स्थानिकता का वैज्ञानिक आकलन किया जाता है. इसी उद्देश्य से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, ठाकुरगंज में प्री-टास (एनबीएस) टीम के सभी संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों का एकदिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया, ताकि फील्ड स्तर पर सर्वे कार्य पूरी गंभीरता और गुणवत्ता के साथ संपन्न कराया जा सके.नाइट ब्लड सर्वे से तय होगी आगे की उन्मूलन रणनीति
सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने बताया कि विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के चिन्हित क्षेत्रों में प्री-टास (नाइट ब्लड सर्वे) किया जाना है. यह सर्वे रात्रि 8:30 बजे से 12 बजे तक आयोजित होगा, जिसमें प्रत्येक चयनित साइट से लगभग 300 रक्त नमूनों का संग्रह किया जाएगा. नाइट ब्लड सर्वे के माध्यम से प्राप्त आंकड़े यह स्पष्ट करेंगे कि जिले में फाइलेरिया संक्रमण किस स्तर पर है और आगे सामूहिक औषधि सेवन अभियान तथा अन्य नियंत्रण उपायों को किस प्रकार सुदृढ़ किया जाना है.ठाकुरगंज में एकदिवसीय प्रशिक्षण, सभी नामित कर्मियों की अनिवार्य सहभागिता
प्री-टास (नाइट ब्लड सर्वे) कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, ठाकुरगंज के प्रशिक्षण हॉल में जिलास्तरीय प्रशिक्षण आयोजित हुआ. प्रशिक्षण की अध्यक्षता प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने की. इसमें प्री-टास (एनबीएस) टीम में नामित सभी स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य रखी गई, जिससे सर्वे की प्रक्रिया, समय-प्रबंधन और तकनीकी मानकों को लेकर किसी प्रकार का भ्रम न रहे.गुणवत्ता, सुरक्षा और समयबद्धता पर विशेष फोकस
प्रशिक्षण सत्र के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को नाइट ब्लड सर्वे की मानक कार्यप्रणाली, सुरक्षित रक्त नमूना संग्रह, संक्रमण से बचाव के उपाय, सही रिकॉर्ड संधारण और रिपोर्टिंग व्यवस्था की विस्तृत जानकारी दी गई. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सर्वे के दौरान गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, क्योंकि यही आंकड़े जिले के फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा तय करेंगे.आंकड़ों की शुद्धता सबसे महत्वपूर्ण
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने कहा कि प्री-टास सर्वे फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का सबसे संवेदनशील और वैज्ञानिक चरण है. उन्होंने कहा कि नाइट ब्लड सर्वे से प्राप्त आंकड़ों की शुद्धता और विश्वसनीयता पर ही यह तय होगा कि जिले में आगे किस स्तर की हस्तक्षेप रणनीति अपनाई जाएगी. डॉ आलम ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों से अपील की कि वे निर्देशों का पूरी निष्ठा से पालन करें और सर्वे कार्य को पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न कराएं.फाइलेरिया उन्मूलन में शून्य सहनशीलता
सिविल सर्जन ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन स्वास्थ्य विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है. उन्होंने कहा कि प्री-टास के माध्यम से प्राप्त सटीक और भरोसेमंद आंकड़े ही जिले को फाइलेरिया मुक्त घोषित करने की दिशा में आधार तैयार करेंगे. सिविल सर्जन ने स्पष्ट किया कि सर्वे कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी नामित कर्मियों को अपनी जिम्मेदारी समयबद्ध और गंभीरता के साथ निभानी होगी.जागरूकता और सहभागिता से ही संभव है फाइलेरिया मुक्त जिला
प्रशिक्षण के समापन पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अखलाकुर रहमान ने यह कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन केवल विभागीय जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामुदायिक सहभागिता से जुड़ा लक्ष्य है. प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से नाइट ब्लड सर्वे को प्रभावी ढंग से पूरा कर जिले में फाइलेरिया नियंत्रण और उन्मूलन की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार किया जाएगा, जिससे आने वाले समय में किशनगंज को फाइलेरिया मुक्त बनाने का सपना साकार हो सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

