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बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने से आठ घंटे पूर्व कर दिया जायेगा अलर्ट, अफवाहों से रहें दूर : डीएम

नदियों के बढ़ते जलस्तर व पश्चिम बंगाल स्थित विभिन्न बराजों पर प्रशासन की है पैनी नजर किशनगंज : जल स्तर की बढ़ोत्तरी एवं नदियों की स्थिति पर जिला प्रशासन पैनी नजर बनाये हुए है़ सिलीगुड़ी स्थित महानंदा सह तिस्ता बराज एवं इस्लामपुर चोपड़ा स्थित डोंक बराज पर जिला प्रशासन की ओर से कर्मी की प्रतिनियुक्ति […]

नदियों के बढ़ते जलस्तर व पश्चिम बंगाल स्थित विभिन्न बराजों पर प्रशासन की है पैनी नजर

किशनगंज : जल स्तर की बढ़ोत्तरी एवं नदियों की स्थिति पर जिला प्रशासन पैनी नजर बनाये हुए है़ सिलीगुड़ी स्थित महानंदा सह तिस्ता बराज एवं इस्लामपुर चोपड़ा स्थित डोंक बराज पर जिला प्रशासन की ओर से कर्मी की प्रतिनियुक्ति की गयी है़ प्रतिनियुक्ति कर्मी उक्त बराजों से पानी छोड़े जाने की हर गतिविधि की सूचना देता रहेंगे यह बातें जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने कही़ मंगलवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय वेश्म में डीएम ने कहा कि 4-5 हजार क्यूसेक पानी उक्त बराजों से छोडा जाना सामान्य बात है़ इससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न नहीं हो सकती है़ अत्यधिक पानी छोड़े जाने से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है़
इस परिस्थिति में आठ घंटे पहले इसकी सूचना जिलावासियों को माइकिंग के माध्यम से दे दी जायेगी़ डीएम ने कहा कि घबराने की आवश्यकता नहीं है़ अफवाहों पर ध्यान नहीं दे, खास कर सोशल मीडिया के भ्रामक सूचना पर ध्यान नहीं दे़, नेपाल की तराई में अत्याधिक वर्षा से भी जिले के सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है़ इससे निपटने के लिए नेपाल के सीमावर्ती जिलों के पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर सूचना प्राप्त की जा रही है. संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है़ डीएम के हवाले से डीपीआरओ राघवेंद्र कुमार दीपक ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला आपदा कार्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है़ बाढ़ आपदा संबंधी कोई भी जानकारी बाढ़ नियंत्रण कक्ष के दूरभाष संख्या 06456-225152 पर फोन कर जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी राजेश गुप्ता एवं जल स्तर की बढोत्तरी एवं नदियों की स्थिति की जानकारी कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण एवं जल नि:सरण प्रमंडल किशनगंज राजेंद्र कुमार गौर से प्राप्त की जा सकती है़
सहायक अभियंता बाढ़ नियंत्रण शाजिद इकबाल ने बताया कि तिस्ता व डोंक बाराज से कम से कम पंद्रह हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने पर ही बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है़
ज्ञात हो कि विगत वर्ष अगस्त के प्रथम सप्ताह में लगातार कई दिनों तक वर्षा होती रही़ नेपाल की तराई में भी जबरदस्त बारिश हुई थी जिसके कारण जिले की नदियों का जल स्तर बढ़ा हुआ था़ नेपाल की तराई में हुई अतिवर्षा का पानी जिले की सीमा में प्रवेश किया तो दिघलबैंक, टेढ़ागाछ व बहादुरगंज के इलाके में बाढ़ आ गयी थी़ महानंदा सह तिस्ता बराज से प्रत्येक दिन लगभग दस हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था़ 11 अगस्त की शाम को महानंदा सह तिस्ता बराज से एक साथ 55 हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया़ विगत 68 वर्षों के रिकॉर्ड के अनुसार पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में तिस्ता बराज से पानी छोड़ा गया था़
नतीजतन लगभग आठ घंटे का सफर तय कर लगभग दो बजे रात्रि को पानी किशनगंज शहर में प्रवेश कर गया़ अपने-अपने घरों में सो रहे लोगों की नींद खुली तो घर पानी से भरा हुआ था़ अचानक आयी इस बाढ़ की त्रासदी में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गयी़ बाढ़ पूर्व कोई सूचना नहीं मिलने के कारण लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला और करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ़

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