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आंगनबाड़ी केंद्र से अवैध उगाही : मुंह नहीं खोलने की हिदायत!

आंगनबाड़ी केंद्र से अवैध उगाही : मुंह नहीं खोलने की हिदायत! मामला परबत्ता में प्रति आंगनबाड़ी केंद्र 1500 रुपये की अवैध उगाही का आइसीडीएस में भ्रष्टाचार के आरोप पर डीएम के कड़े रुख से सच सामने आने की उम्मीद मामला डीएम दरबार तक पहुंचने के बाद सेविकाओं को मुंह बंद रखने की मिली हिदायत विभाग […]

आंगनबाड़ी केंद्र से अवैध उगाही : मुंह नहीं खोलने की हिदायत! मामला परबत्ता में प्रति आंगनबाड़ी केंद्र 1500 रुपये की अवैध उगाही का आइसीडीएस में भ्रष्टाचार के आरोप पर डीएम के कड़े रुख से सच सामने आने की उम्मीद मामला डीएम दरबार तक पहुंचने के बाद सेविकाओं को मुंह बंद रखने की मिली हिदायत विभाग के डीपीओ ने कहा, अवैध उगाही मामले की तह तक जाकर होगी जांच इंट्रो—————–परबत्ता में प्रति आंगनबाड़ी केंद्र से प्रत्येक महीने 1500 रुपये की अवैध उगाही शिकायत की गहन जांच हो तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं. इधर, डीएम के कड़े रुख को भांप संबंधित अधिकारियों द्वारा गरदन बचाने के लिये मैनेज का खेल शुरू हो गया है. सूत्रों की मानें तो सेविकाओं को मुंह नहीं खोलने की हिदायत देकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश जारी है. लेकिन डीएम के कड़े रुख के बाद डीपीओ के संकेत से सच सामने आने की उम्मीद जतायी जा रही है. —————-प्रतिनिधि, खगड़िया परबत्ता सीडीपीओ द्वारा प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र से प्रति महीने 1500 रुपये की अवैध उगाही प्रकरण की दोबारा जांच होगी. विभाग के डीपीओ सियाराम सिंह ने कहा कि जल्द ही प्रखंड मुख्यालय पहुंच कर संबंधित पक्षांे से आवश्यक पूछताछ की जायेगी. बता दें कि डीएम के निर्देश बाद कुछ दिन पूर्व डीपीओ ने परबत्ता मंे बैठक के दौरान मामले की जांच की थी. लेकिन गहन जांच की जरूरत को देखते हुए अभी कई बिंदुओं पर छानबीन बाकी है. इधर, मामला गरम होते देख सेविकाओं को मुंह नहीं खोलने की हिदायत दी जा रही है. लेकिन दबी जुबान से चर्चा का बाजार गरम है. चर्चा की मानें तो लोग यही कह रहे हैं आखिर एक ना एक दिन भेद खुलना ही था. इन सारे घटनाक्रम के बीच लोगों को यह भी अंदेशा है कि आरोप के घेरे में आई सीडीपीओ के रहते कहीं सच परदे के पीछे गुम ना हो जाये. ———-सेविका से गुप्त पूछताछ हो तो खुलेंगे कई राज सूत्रों की मानें तो अगर पूरे प्रकरण में सेविकाओं से गुप्त रुप से पूछताछ की जाय तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं. लेकिन सबसे बड़ी परेशानी यह है कि कोई सेविका अपने अधिकारी के खिलाफ मुंह खोलना चाहेगी? डीपीओ श्री सिंह बताते हैं कि पूरे मामले मंे परबत्ता सीडीपीओ के अलावा सेविका व आरोप लगाने वाले पक्ष सहित कार्यालय के कर्मियों से भी पूछताछ की जायेगी. ताकि पूरा सच सामने ला कर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके. इधर, अवैध उगाही के आरोपों के बीच एक बार फिर बाल विकास परियोजना विभाग सुर्खियों में है.बता दें कि परबत्ता निवासी मनोरंजन कुमार ने डीएम को आवेदन भेज कर परबत्ता में बाल विकास परियोजना विभाग में चल रहे खेल पर से परदा हटाते हुए गुप्त रुप से जांच का आग्रह किया है. इधर, शिकायत के बाद डीएम साकेत कुमार ने कड़ा रुख अपनाते हुए आईसीडीएस विभाग के डीपीओ सियाराम सिंह को पूरे मामले की जांच का निर्देश दिया है. ————-वाउचर पास करने का कमीशन फिक्स !बताया जाता है कि आंगनबाड़ी केंद्रों को मिलने वाली रकम का वाउचर पास करवाने के एवज में कमीशनखोरी का खेल किया जाता है. शिकायत में आवेदक ने साफतौर पर कहा है कि प्रत्येक महीने प्रति आंगनबाड़ी केंद्र से 1500 रुपये कमीशन लेने के बाद ही वाउचर पास किया जाता है. डीएम को भेजे पत्र में कहा गया है कि टीएचआर होने के बाद आंगनबाड़ी सेविकाओं को कार्यालय बुला कर कमीशन की वसूली की जाती है. जब प्रत्येक सेंटर वसूली हो जाती है तो तब सीडीपीओ द्वारा वाउचर पास किया जाता है. ————-केंद्र निरीक्षण के नाम पर खानापूरी बाल विकास परियोजना विभाग की फाइलों में आंगनबाड़ी केंद्र भले ही दनादन चल रहे हो लेकिन जमीनी हकीकत बड़ी डरावनी है. सूत्रों की मानंे तो आंगनबाड़ी केंद्र निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ती की जाती है. कागज पर निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंप कर कमीशन की आड़ में सरकारी राशि का गोलमाल किया जाता है. इतना ही नहीं डीएम को भेजे गये शिकायती पत्र में कहा गया है कि सीडीपीओ ने अवैध वसूली के लिये एक सेविका पति को लगा रखा है. जो मेधा सूची निकलते ही आवेदिका से संपर्क कर बहाली के नाम पर वसूली करते हैं. इतना ही नहीं बाहरी व्यक्ति दिन भर कार्यालय में बैठ कर सरकारी फाइलों को निबटाते हैं. यहां तक कि सीडीपीओ के साथ निरीक्षण, क्रय पंजी पर हस्ताक्षर में गोलमाल किया जाता है. कुल मिला कर परबत्ता बाल विकास परियोजना कार्यालय में सुधार की सख्त जरूरत है ताकि सरकार की योजना को धरातल पर सफल बनाया जा सके. कोट———-परबत्ता में आंगनबाड़ी केंद्राें से अवैध उगाही की शिकायतों की जांच चल रही है. जल्द ही दोबारा परबत्ता प्रखंड मुख्यालय पहुंच कर पूरे मामले में पूछताछ की जायेगी. जांच में दोषी पाये जाने पर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई तय है. सियाराम सिंह, डीपीओ, बाल विकास परियोजना विभाग———– सारे आरोप बेबुनियाद हैं. वाउचर पास करवाने सहित किसी भी काम में कोई अवैध वसूली नहीं होती है. साजिश के तहत ऐसे बेबुनियाद आरोप लगाये जा रहे हैं. – रंजू देवी, सीडीपीओ, परबत्ता

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