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प्रथम श्रेणी पशु अस्पताल की स्थिति दयनीय

प्रथम श्रेणी पशु अस्पताल की स्थिति दयनीय मात्र एक भ्रमणशील पशु चिकित्सक के सहारे चल रहा केंद्र कर्मी व संसाधन का है घोर अभावगोगरी . संपूर्ण गोगरी अनुमंडल क्षेत्र पशुपालन व कृषि प्रधान क्षेत्र माना जाता है़ तथा यहां 70 फीसदी लोगों के जीविका का मुख्य साधन कृषि व पशुपालन ही है़ और हजारों की […]

प्रथम श्रेणी पशु अस्पताल की स्थिति दयनीय मात्र एक भ्रमणशील पशु चिकित्सक के सहारे चल रहा केंद्र कर्मी व संसाधन का है घोर अभावगोगरी . संपूर्ण गोगरी अनुमंडल क्षेत्र पशुपालन व कृषि प्रधान क्षेत्र माना जाता है़ तथा यहां 70 फीसदी लोगों के जीविका का मुख्य साधन कृषि व पशुपालन ही है़ और हजारों की संख्या में यहां पशुओं का पालन होता है़ इसके बावजूद गोगरी में पशुओं की चिकित्सा व्यवस्था दम तोड़ती नजर आती है़ सरकारी स्तर पर खोले गये पशु चिकित्सा केंद्र विभागीय उदासीनता व अधिकारियों के लापरवाही के कारण मृतप्राय सा हो गया है़ केंद्रों की स्थिति दयनीय बनी है़ जहां पशु चिकित्सा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है़ ग्रामीण इलाकों की बात छोड़ अगर अनुमंडल मुख्यालय स्थित प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सा केंद्र की करें तो यहां भी केंद्र भगवान भरोसे हीं चल रहा है़ जहां पशुओं की चिकित्सा व्यवस्था की दयनीय स्थिति बनी है़क्या है केंद्र का हालकहने को तो यह केंद्र अनुमंडल मुख्यालय का प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सा केंद्र है, लेकिन यहां पशु चिकित्सा के लिये न तो समुचित संसाधन है और न ही चिकित्सक व कर्मी ही है़ं पशु चिकित्सा केंद्र मात्र एक भ्रमणशील पशु चिकित्सक के सहारे चल रहा है़ पशुपालकों को दवा बाजार से खरीदना पड़ता है. कारण यहां दवा आदि सुविधा का अभाव है़ सरकारी स्तर पर जो भी दवा उक्त केंद्र को मुहैया कराया जा रहा है वह नाकाम साबित हो रही है़ आलम यह है कि यहां पशुओं के गर्भाधान के लिए सीमेन तक की व्यवस्था नहीं रहती है. ऐसे में पशुपालक जहां तहां व झोलाछाप पशु चिकित्सक के शरण में जाने को मजबूर है़ंकेंद्र में कर्मी व चिकित्सक का है घोर कमीवैसे तो हर केंद्र पर पशु चिकित्सक व कर्मी का अभाव है़ गोगरी के कुल पांच पशु चिकित्सा केंद्रों में कहीं भी चिकित्सक नहीं है़ गोगरी के प्रखंड पशुपालन अधिकारी ही सभी केंद्र को एक साथ देख रहे हैं. वहीं गोगरी प्रथम श्रेणी केंद्र में मात्र एक भ्रमणशील पशु चिकित्सक पदस्थापित है़ं यहां न तो और कोई चिकित्सक है और न ही सहायक चिकित्सक ही है़ं कर्मी के नाम पर यहां एक प्रखंड कार्यालय के ही कर्मी कार्यरत है़ं जबकि यहां कम से कम दो चिकित्सक व दो सहायक के साथ कम से कम तीन अन्य कर्मी की आवश्यकता है़ ऐसे में पशु चिकित्सा व्यवस्था का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है़ कहते हैं केंद्र के चिकित्सककेंद्र के भ्रमणशील पशु चिकित्सक साकेत कुमार ने बताया कि सरकारी स्तर पर पशु के लिए जो प्रदत्त सुविधा केंद्र पर है वो किसानों को मुहैया करायी जा रही है़ं चिकित्सक व कर्मी के अभाव में परेशानी होती है़ इसमें वे क्या कर सकते है. किसानों को दवा जो उपलब्ध है दी जाती है़

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