परबत्ता: प्रखंड मुख्यालय स्थित चबूतरा पर गुरुवार को अन्ना संदेश यात्र की शुरुआत श्याम लाल चंद्रशेखर पारा मेडिकल संस्थान खगड़िया के अधीक्षक डॉ एस विवेकानंद ने की. इस मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने जनलोकपाल व स्वराज के निहित अर्थ को बताया. कहा कि देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध कोई मजबूत कानून नहीं है. देश का प्रति वर्ष अरबों रुपया विदेशी बैंकों में कालाधन के रूप में रखा जा रहा है. इस कारण देश में महंगाई बढ़ रही है. भारत सरकार ने कमजोर लोकपाल को स्थापित करने का प्रयास किया. उसे भी अन्ना के आंदोलन के स्थगित होने के बाद लटका दिया गया. वहीं बिहार सरकार ने लोकपाल के नाम पर अफसरों के भ्रष्टाचार का संरक्षण करने तथा शिकायतकर्ता को प्रताड़ित करने वाला कानून राज्य में लागू की. सशक्त लोकपाल देश की जरूरत है.
उन्होंने स्वराज की अवधारणा के बारे में कहा कि देश में सिर्फ कहने की आजादी मिली. केंद्र में तथा राज्यों में सरकारें बनी, किंतु जिला व प्रखंड की सरकारें नहीं बन पायी. छोटे से बड़ा काम के लिए ऊपर की ओर देखना पड़ता है. जबकि ग्राम सभा व प्रखंडों को भी अधिकार मिलना जरूरी है. अंगरेजों के जमाने के बनाये गये पदों द्वारा आज भी जनता पर शासन किया जा रहा है. जबकि डीएम का पद जिला सेवक का होना चाहिए और प्रखंड विकास पदाधिकारी का पद प्रखंड सेवक का होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे को आगामी 27 नवंबर को खगड़िया आने का कार्यक्रम था, किंतु उनके आंखों का ऑपरेशन होने के कारण फिलहाल इसे स्थगित कर दिया गया है. संसद के शीतकालीन सत्र से पूर्व वे खगड़िया अवश्य आयेंगे. तब तक उनके आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए हम गांव-गांव में उनके संदेश को लेकर जा रहे हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ जनलोकपाल कानून पारित करवाने, गांधीजी के सपनों के स्वराज के संकल्पों के साथ अन्ना संदेश यात्र की शुरुआत परबत्ता से की गयी. सभा के शुरुआत में इंजीनियर धर्मेद्र ने सभा को संबोधित करते हुए इस संदेश यात्र के उद्देश्यों को बताया. इस मौके पर अन्ना आंदोलन के नंद कुमार आजाद, संजीव कुमार, नेपाली यादव, सतीश कुमार, अभिनव सिंटू, सन्नी, अनुज पासवान, गणोश शर्मा आदि मौजूद थे.