प्रधानाध्यापक नीचे अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि चौथा महीना अप्रैल के बदले तीसरा महीना मार्च गलती से अंकों में लिखा गया. अब सोचा जा सकता है कि शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक को इसकी भी जानकारी नहीं रहती कि कौन सा वर्ष और कौन सा माह चल रहा है. विद्यालय के सभी वर्ग कक्षा खाली मिले. जबकि नौवीं कक्षा से दसवीं कक्षा में प्रवेश किये छात्र छात्राओं की कक्षा चलनी चाहिए थी.
समिति ने जांच के दौरान साइकिल योजना, छात्रवृत्ति राशि का वितरण सहित विद्यालय कोष एवं छात्र कोष की राशि की अद्यतन जानकारी ली. वहीं विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था ,शिक्षकों का नियमित आना सहित छात्र छात्रओं को विद्यालय में मोबाइल लाने पर सख्त प्रतिबंध लगाया. समिति सदस्यों ने प्रधानाध्यापक जयकुमार यादव सहित सभी शिक्षकों से विद्यालय के विधि व्यवस्था में सुधार के लिये लिखित अनुबंध पत्र बनवाया . समिति सदस्यों की टीम में राजीव सिंह, मोहन सिंह, पप्पू सिंह, जयविंद सिंह, सुनील सिंह, अभय सिंह शामिल थे.