पसराहा : उस वक्त प्रखंड कार्यालय में नाजिर पद तैनात सिद्धार्थ कुमार ने देवरी पंचायत के अररिया गांव में 7.30 लाख की लागत से बनने वाले कला मंच की ठेकेदारी हासिल कर ली. लाखों की निकासी भी हो गयी लेकिन पांच बरसों से कला मंच का निर्माण पूरा नहीं हो पाया. बीडीओ से लेकर स्थानीय अधिकारी सब जानते हैं, डीडीसी ने बीडीओ को आवश्यक कार्रवाई का आदेश दिया लेकिन वह सब फाइलों में दफन कर ठेकेदार को मौज करने की छूट मिली हुई है.
इस बीच परबत्ता में नाजिर पद पर रहते ठेकेदार बनने वाले सिद्धार्थ कुमार का तबादला बेलदौर प्रखंड में कर दिया गया. अभी बेलदौर अंचल कार्यालय में बतौर नाजिर वह सेवा दे रहे हैं और मजे से वेतन भी उठा रहे हैं. लेकिन 2014 में कला मंच के नाम पर निकाली गयी राशि का कोई हिसाब किताब नहीं दिया जा रहा है. इधर, संवेदक कह रहे हैं कि उस वक्त स्थानीय नेताओं के दबाव में उन्होंने कला मंच के निर्माण की जिम्मेवारी स्थानीय समर्थक को दे दिया था.
राशि निकासी करने के बाद उसी को देने का दावा करने वाले नाजिर यह नहीं बताते कि पांच बरसों के दौरान निर्माण कार्य पूरा नहीं होने पर उन्होंने अपने पेटी कांट्रेक्टर के खिलाफ कोई शिकायत क्यों नहीं की.
सरकारी कुर्सी पर रहने का उठा रहे फायदा : नाजिर जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहने का संवेदक सिद्धार्थ कुमार को काफी फायदा मिला. कई बार पत्र जारी हुआ, फिर मामला मैनेज हो गया. ऐसे में 2014 में शिलान्यास के बाद पांच बरस बीत गये लेकिन कला भवन अधूरा पड़ा है. इस बीच परबत्ता से बेलदौर अंचल कार्यालय में सिद्धार्थ कुमार का तबादला हो गया. बताया जाता है कि बेलदौर में नाजिर बने बैठे संवेदक को कई बार नोटिस भेज कर योजना के तहत कला मंच निर्माण कराने को कहा गया लेकिन सरकारी ऑफिस के तमाम दांवपेंच से वाकिफ नाजिर सिद्धार्थ कुमार बचने में कामयाब रहे. बीते महीने डीडीसी ने भी बीडीओ को इस मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया था. लेकिन कुछ नहीं हुआ.
2014 में अररिया गांव में कला मंच का हुआ था शिलान्यास : परबत्ता प्रखंड के देवरी पंचायत स्थित अररिया गांव में वर्षों से अधुरे कला मंच को पूरा करने में अधिकारियों की उदासीनता साफ जगजाहिर हो रही है.
- अधूरा कलामंच को बनाने में अधिकारी की नहीं है दिलचस्पी, बेलदौर सीओ कार्यालय में मौज कर रहे संवेदक
- पांच बरसों से रोज नये बहाने बनाकर टाल रहे हैं हाकिम, डीडीसी द्वारा जांच कर कार्रवाई का आदेश बेअसर
- संवेदक ने चली नयी चाल, डीएम दरबार में जाकर शिकायत करने की तैयारी कर रहे अररिया गांव के ग्रामीण
बीडीओ की नरमी के पीछे क्या है राज : पिछले दिनों प्रभात खबर द्वारा इस मामले को उजागर करने पर परबत्ता बीडीओ द्वारा बताया गया कि संवेदक द्वारा अधूरे कला मंच को जल्द पूरा करने की बात कही गयी है. यह कहने के भी एक पखवाड़ा होने को है लेकिन एक ईंट भी नहीं जोड़ा गया. ग्रामीणों की मानें तो संवेदक सिद्धार्थ कुमार पिछले पांच साल से काम पूरा करने की बात कहकर मामले को टालते रहे है.
ग्रामीण सह वार्ड सदस्य गजाधर यादव ने बताया कि कला मंच की लाखों की राशि निकाल कर संवेदक हर बार नये बहाने बनाते आ रहे हैं. ग्रामीणों ने पूरे मामले में परबत्ता बीडीओ रविशंकर कुमार द्वारा संवेदक पर नरमी बरतने का आरोप लगाया है. इधर, डीडीसी के कहने के बाद भी बीडीओ द्वारा बरती जा रही नरमी के खिलाफ दर्जनों ग्रामीण डीएम दरबार में शिकायत करने का मन बना रहे हैं.
परबत्ता प्रखंड कार्यालय में नाजिर पद पर तैनात रहने के दौरान 2014 में शिलान्यास के बाद मुझे इस योजना का संवेदक बनाया गया. उस वक्त चार या पांच लाख रुपये निकासी की गयी. तत्कालीन नेताओं के दबाव में स्थानीय समर्थक को कला मंच निर्माण की जिम्मेवारी मैंने दे दी. वह रुपये लेने के बाद भी कला मंच का निर्माण नहीं किया. पैसे लौटाने के लिये भी तैयार नहीं हुआ. इसी कारण कला मंच का निर्माण अधूरा है. अभी परबत्ता से बेलदौर अंचल कार्यालय में मेरा तबादला हो गया. अभी बेलदौर अंचल कार्यालय में नाजिर पद पर कार्यरत हैं. जल्द ही अधूरे कलामंच का निर्माण करवा लिया जायेगा.
सिद्धार्थ कुमार, संवेदक. (वर्तमान में बेलदौर अंचल कार्यालय के नाजिर हैं.)
पूरे मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी. 2014 में कला मंच निर्माण की योजना अब तक पूरी क्यों नहीं हुई, इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं, इसकी तहकीकात कर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाये जायेंगे.
अनिरुद्ध कुमार, डीएम.