– 40वां नेत्रदान पखवाड़ा का शुभारंभ कटिहार एक चुटकी राख या दो अंधों का आंख, फैसला आपका और जीते- जीते रक्तदान- जाते-जाते नेत्रदान आदि नारे के साथ सोमवार को 40 वां नेत्रदान पखवाड़ा स्थानीय दिव्यांग कार्यालय, सदर अस्पताल परिसर में शुभारंभ किया गया. कोसी क्षेत्रीय, विकलांग, विधवा, वृद्ध, कल्याण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बोर्ड सदस्य राष्ट्रीय न्यास, भारत सरकार के मोहन कुमार ने स्वयं नेत्रहीन दिव्यांगों के लिए नेत्रदान प्रतिज्ञा पत्र भर कर शुभारंभ किया. मुख्य अतिथि मोहन कुमार ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से कटिहार के दिव्यांग कार्यकर्ताओं ने नेत्रदान प्रतिज्ञा पत्र भरकर संकल्प लेते आ रहे है. उन्होंने कहा कि नेत्रदान से बड़ा कोई दान नहीं है. नेत्रदान महादान, नेत्रदान का कोई विकल्प नहीं है. कहा कि दृष्टिविहीन व्यक्ति परिवार, समाज, राष्ट्र ही नहीं, बल्कि विश्व के लिए एक ज्वलंत समस्या है. नेत्र दृष्टि न रहने पर व्यक्ति का जीवन अधिकारमय हो जाता है. बिहार राज्य सलाहकार बोर्ड सदस्य शिव शंकर रमानी ने कहा कि नेत्रदान महादान है. यूं तो किसी भी प्रकार का दान पाने वाले व्यक्ति को क्षणिक सुख होता है. लेकिन नेत्रदान ऐसा दान है. दान पाने वाले व्यक्ति के जीवन का अंधेरा हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है और उसकी खुशी को कोई सीमा नहीं होती है. अंधे व्यक्ति के जीवन में पुनः रोशनी का संचार हो जाता है और वह जीवनपर्यंत दान देने वाले व्यक्ति का आभारी हो जाता है लगभग आठ दिव्यांगों ने नेत्रदान शपथ पत्र भरा. युगल मंडल ने जिला दृष्टि कार्यालय समिति संयोजक के अध्यक्षता के रूप में अपने मधुर गीत के साथ आम नागरिको को को भी नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम में भाग लेने की अपील की. इस अवसर पर मेराज आलम, रवि कुमार, रविदास, अली हक, मीडिया प्रभारी सुनीता देवी, विजय सिंह, डेजी कुमारी, लक्ष्मी देवी, शंभू शर्मा, पूजा देवी, प्रज्ञा भारती आदि प्रमुख रूप से शामिल थे.
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