अराजकता . दूसरे दिन भी दर्जनों तालाबों से लोग लूट ले गये मछलियां
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आज भी मछली लूटने का प्लान
अराजकता . दूसरे दिन भी दर्जनों तालाबों से लोग लूट ले गये मछलियां नदी जगाने के नाम पर खुलेआम तालाबों से मछलियों की लूट का मामला संज्ञान में आने के बाद भी प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होने से दूसरे दिन भी लोग भीड़ की शक्ल में दर्जनों तालाबों से मछलियां लूट ले गये. आज कई बड़े […]
नदी जगाने के नाम पर खुलेआम तालाबों से मछलियों की लूट का मामला संज्ञान में आने के बाद भी प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होने से दूसरे दिन भी लोग भीड़ की शक्ल में दर्जनों तालाबों से मछलियां लूट ले गये. आज कई बड़े तालाबों से मछली लूटने की योजना है, जिससे मछली पालक खून के आंसू रोने को मजबूर हैं.
कटिहार : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी एवं निजी तालाब व नदियां गुरुवार को दूसरे दिन भी नदी जगाने के नाम पर लूट के गवाह बने. सैकड़ों की तादाद में सुबह से लोग तालाब व नदी में घुसकर मछली लूटते रहे. साथ ही जिन नदी एवं तालाब में अभी मखाना लगाया गया है, उसको भी तहस-नहस कर दिया. उल्लेखनीय है कि बुधवार को जिला पदाधिकारी एवं जिला मत्स्य पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी गयी थी. पर प्रशासनिक स्तर से कोई कार्रवाई नहीं होने की वजह से लोगों का हौसला बढ़ा हुआ है.
मछली पालन एवं मखाना लगाने वाले किसान बेबस व लाचार होकर अपनी मछली एवं मखाना को लूटते हुए देखते रहे. ऐसे सामूहिक रूप से मछली लूटने वालों की योजना शुक्रवार को बड़े तालाबों एवं नदियों में हमला कर मछली लूटने की है. इस बीच लगातार दो दिनों से सरकारी एवं निजी नदी व तालाब में घुस कर जबरन मछली लूटने की घटना से मछली पालकों व मखाना व्यवसायी में दहशत है. कई जगह तो थाना से चंद दूरी पर ही तालाब से मछली लूट ली गयी. इस दौरान स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से मूकदर्शक बना रहा.
प्रशासन के सामने लूट ली गयीं मछलियां : बुधवार को तो हद ही हो गयी. कई थाना क्षेत्रों में थाना के नजदीक होने के बावजूद तालाब से मछली लूट ली गयी. जानकारी के मुताबिक डंडखोरा थाना से 100 गज की दूरी पर सरकारी तालाब से सैकड़ों की तादाद में पहुंचे लोगों ने मछली लूट ली. यहां के बाद सौरिया पहुंचकर हैचरी एवं तालाब से मछली लूटी गयी. इसके बाद मछली लूटने वालों का जत्था कदवा की ओर रवाना हो गया. इसी तरह प्राणपुर एवं अन्य थाना क्षेत्रों में भी मछली लूटने की घटना से स्थानीय मछली पालक दहशत में हैं.
लक्ष्य को लग सकता है झटका
जिस तरह सामाजिक रूप से परंपरा निभाने के नाम पर सरकारी एवं निजी तालाबों की मछलियों की लूट की जा रही है, इससे मछली पालक एवं मखाना व्यवसायी दहशत में है व यह कारोबार छोड़ने पर विचार कर रहे हैं. दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में 10 लाख तालाब खुदवाने का लक्ष्य रखा है.
साथ ही राज्य सरकार भी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मछली के कारोबार को बढ़ावा देकर नीली क्रांति लाने की योजना बनायी है. पर कटिहार जिले में केंद्र एवं राज्य सरकार के लक्ष्य को झटका लग सकता है. जिस तरह से मछली पालक किसान दहशत में हैं, उससे यही बात साबित होता है कि अगर यही स्थिति रही, तो आने वाले दिनों में लोग मछली पालने एवं मखाना के कारोबार से तौबा कर लेंगे.
सूचना के बाद भी प्रशासन की चुप्पी खल रही
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को भी इस संगठित गिरोह की ओर से नदी जगाने के नाम पर तालाब व नदी लूटने की योजना बनायी गयी है. जानकारों की माने तो मनिहारी के गोगाबिल झील सहित विभिन्न प्रखंडों में बड़े नदी व तालाब लूटने की योजना है. उल्लेखनीय है कि बुधवार से बड़े पैमाने पर बड़ी संख्या में लोग एकजुट होकर नदी एवं तालाब लूट रहे हैं. गुरुवार को भी मछलियां लूटी गयीं. जानकारी के मुताबिक शिरुवा-बिसवा (सतवानी) पर्व पर परंपरा की आड़ में नदी जगाने के नाम पर मछली लूट की घटना को अंजाम दिया जा रहा है. वहीं प्रशासन भी पूरी तरह मूकदर्शक बनी हुआ है,
जबकि बुधवार को इस तरह की संभावना से जिला पदाधिकारी व जिला एवं जिला मत्स्य पदाधिकारी को भी अवगत कराया गया था. प्रभात खबर ने इस आशय से संबंधित खबर गुरुवार के अंक में प्रमुखता प्रकाशित भी किया था. उसके बावजूद प्रशासन के स्तर से मछली लूट की घटना को रोकने के लिए कोई ठोस पहल नहीं हुई.
दहशत में मछली पालक
नदी जगाने के नाम पर गुरुवार को दूसरे दिन भी सरकारी एवं निजी तालाब में मछली लूट जारी रही. विभिन्न प्रखंडों में लोग सैकड़ों की तादाद में बेखौफ होकर नदी एवं तालाब में घुसकर मछली लूटते रहे. जिस अंदाज में सामूहिक तरीके से नदी एवं तालाब पर हमला करके मछली लूटने की घटना को अंजाम दिया गया, उससे मछली पालक एवं मखाना व्यवसायी दहशत में है. जानकारी के मुताबिक कई नदी थाना एवं स्थानीय प्रशासन के समीप भी तालाबों से मछलियां लूटी गयीं.
वह भी नदी जगाने के नाम पर सामूहिक तरीके से मछली लूट ली गयी. लोगों को ऐसा लगने लगा है कि जब प्रशासन के नजदीक वाले तालाब की ऐसी स्थिति है तो अन्य तालाबों की सुरक्षा कैसे होगी.
नदी जगाने के नाम पर खुलेआम तालाबों से मछलियों की लूट का मामला संज्ञान में आने के बाद भी प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होने से दूसरे दिन भी लोग भीड़ की शक्ल में दर्जनों तालाबों से मछलियां लूट ले गये. आज कई बड़े तालाबों से मछली लूटने की योजना है, जिससे मछली पालक खून के आंसू रोने को मजबूर हैं.
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