परेशानी बंध्याकरण मामले में कटिहार फिसड्डी, वर्ष के नौ महीने बीतने के बाद मात्र 22 प्रतिशत ही हुआ बंध्याकरण
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ऐसा चला, तो कैसे रुकेगा जनसंख्या विस्फोट
परेशानी बंध्याकरण मामले में कटिहार फिसड्डी, वर्ष के नौ महीने बीतने के बाद मात्र 22 प्रतिशत ही हुआ बंध्याकरण कटिहार : जिले में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चलाये जा रहे कार्यक्रम की स्थिति ठीक नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत कई तरह के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. खासकर […]
कटिहार : जिले में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चलाये जा रहे कार्यक्रम की स्थिति ठीक नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत कई तरह के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. खासकर जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चलाये जा रहे बंध्याकरण कार्यक्रम कटिहार जिले में लक्ष्य से काफी पीछे है. उल्लेखनीय है कि जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत विभिन्न तरह के कार्यक्रम चलाये जाते हैं. हर वर्ष लक्ष्य निर्धारित कर उसे पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को विभागीय निर्देश भी मिलता है. पिछले कई वर्षों से कटिहार जिले में बंध्याकरण लक्ष्य से काफी पीछे रह जाता है.
चालू वित्तीय वर्ष में भी अब तक की स्थिति को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि इस साल भी बंध्याकरण कार्यक्रम लक्ष्य से काफी पीछे रह जायेगा. चालू वर्ष के नौ महीना समाप्त हो चुका है. सिविल सर्जन की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2016 तक लक्ष्य के विरुद्ध बाइस फीसदी बंध्याकरण ही हो सका है. अगले तीन महीने यानी जनवरी 17 से मार्च 17 तक 78 प्रतिशत लक्ष्य पूरा करना है. स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के लिए यह लक्ष्य पूरा करना चुनौती भरा है. हालांकि स्थानीय स्वास्थ्य महकमा की माने तो सभी पीएचसी प्रभारी को अधिक से अधिक बंध्याकरण करने का निर्देश जनसंख्या दिया गया है.जिले में आबादी की रफ्तार बढ़ रही है. जिले की आबादी करीब 34 लाख पार कर चुकी है. लेकिन जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चलाये जा रहे कार्यक्रम की स्थिति ठीक नहीं है. खासकर बंध्याकरण की स्थिति खराब रहने की वजह से जनसंख्या नियंत्रण पर इसका व्यापक असर पड़ रहा है. जिले में संस्थागत प्रसव की बात करें तो इससे भी बढ़ रही जनसंख्या की स्थिति का पता चल जाता है. दिसंबर 17 में विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में 8171 महिलाओं ने बच्चे को जन्म दिया है. यानी हर घंटे औसतन 11 बच्चे कटिहार में जन्म ले रहे हैं. इस आंकड़े में निजी नर्सिंग होम या क्लिनिक में जन्म लेने वाले बच्चों को नहीं जोड़ा गया है. अगर उसे भी जोड़ दिया जाय तो यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. बढ़ती आबादी को भले ही केंद्र व राज्य सरकार परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत विभिन्न तरह की गतिविधि चला रही हो लेकिन उस गतिविधि के प्रति स्वास्थ्य विभाग उदासीन दिख रहा है.
कहते हैं सीएस
सिविल सर्जन डॉ श्यामचंद्र झा ने इस संदर्भ में कहा कि लक्ष्य के विरुद्ध बंध्याकरण करने का निर्देश सभी पीएचसी व सदर अस्पताल के प्रभारी को दिया गया है. साथ ही आशा व एएनएम को भी महिलाओं को बंध्याकरण के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया है.
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