कटिहार : तमाम कोशिशों के बाद भी विकसित बिहार के सात निश्चय योजना की स्थिति कटिहार में ठीक नहीं है. सात निश्चय के तहत कई योजना तो ऐसी है कि जिसका सेहत बिल्कुल ही ठीक नहीं है. यानी बिहार की अन्य जिलों की तुलना में यह जिला फिसड्डी साबित हो रहा है. वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा था. तब चुनावी घोषणा पत्र के रूप में सात निश्चय योजना प्रमुख एजेंडा में शामिल रहा.
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सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल योजना में कटिहार जिला फिसड्डी
कटिहार : तमाम कोशिशों के बाद भी विकसित बिहार के सात निश्चय योजना की स्थिति कटिहार में ठीक नहीं है. सात निश्चय के तहत कई योजना तो ऐसी है कि जिसका सेहत बिल्कुल ही ठीक नहीं है. यानी बिहार की अन्य जिलों की तुलना में यह जिला फिसड्डी साबित हो रहा है. वर्ष 2015 में […]
सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने सात निश्चय योजना के क्रियान्वयन को लेकर ठोस पहल शुरू किया. मुख्यमंत्री श्री कुमार की तीसरी पारी का चौथा साल चल रहा है. अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. पर जिस रफ्तार से सात निश्चय के तहत संचालित योजनाओं का क्रियान्यवन होनी चाहिए. उस तरह क्रियान्वित नहीं हो रही है.
यूं तो सात निश्चय योजना के तहत आर्थिक हल युवाओं के बल योजना अंतर्गत तीन योजनाएं संचालित की जाती है. जिसमें बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना एवं कुशल युवा कार्यक्रम शामिल है. साथ ही हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली- नाली, हर घर बिजली सहित कई महत्वपूर्ण योजना सात निश्चय में शामिल है.
प्रभात खबर ने सात निश्चय योजनाओं की जमीनी स्तर पर पड़ताल की. सात निश्चय से संबंधित योजनाओं को लेकर जिलावार सरकार द्वारा बनाए गए रैंकिंग प्रतिवेदन से यह बात सामने आयी है कि कटिहार जिले में सात निश्चय योजनाओं की स्थिति काफी खराब है. वित्तीय वर्ष 2018- 19 में सात निश्चय के तहत संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति लक्ष्य के विरुद्ध काफी कम है.
यही वजह है कि बिहार के रैंकिंग रिपोर्ट में कटिहार जिला आखिरी पायदान पर खड़ा है. खासकर हर घर जल का नल योजना की स्थिति काफी फिसड्डी है. वित्तीय वर्ष 2018-19 की समाप्ति के बाद अभी हाल ही में जिलावार स्टेट रैंकिंग जारी की है. जिसमे बिहार के 38 जिले में कटिहार 36 वां स्थान यानी एक तरह अंतिम पायदान पर खड़ी है.
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन के स्तर से इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर चलायी गयी मुहिम का कोई असर क्रियान्वयन एजेंसी पर नहीं पड़ रहा है. प्रस्तुत है सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना पर प्रभात खबर की पड़ताल करती यह रिपोर्ट.
ग्रामीण क्षेत्र में लक्ष्य 1978 वार्ड के विरुद्ध मात्र 13 में काम हुआ पूरा
सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल योजना की स्थिति शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में एक जैसी है. वित्तीय वर्ष 2018-19 के समाप्ति के बाद मार्च 19 की स्टेट रैंकिंग में भी कटिहार शहर व ग्रामीण इलाका 36 वां नंबर हासिल किया है.
यानी एक तरह से आखिरी पायदान पर ही है. वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 18-19 में इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के 1978 वार्ड को आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया. इसके तहत 356309 घर में नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य है.
वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद मार्च 2019 की रैंकिंग रिपोर्ट के मुताबिक दो वर्ष में मात्र 345 वार्ड में कार्य शुरू किया जा सका. सरकार के रिपोर्ट के मुताबिक इसमें से 13 वार्ड में ही काम पूरा किया जा सका है. जबकि लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 7136 घर तक नल का जल पहुंच सका है. यह दावा राज्य सरकार की रैंकिंग रिपोर्ट में की गयी है. जबकि ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही बयां करती है.
शहरी क्षेत्र में भी योजना हो रही है फ्लॉप
ग्रामीण क्षेत्र की तरह ही शहरी इलाके की स्थिति बनी हुयी है. शहरी इलाके में भी यह योजना दम तोड़ रही है. वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 18-19 में शहरी क्षेत्र के 75 वार्ड के तहत 10319 घर तक नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य है.
इसके विरुद्ध मात्र 30 वार्ड में काम प्रारंभ हो सका है. जिसमें दावा किया गया है कि दो वार्ड में काम पूर्ण हो चुका है. साथ ही लक्ष्य के विरुद्ध 1146 घर में जल का नल पहुंचाया गया है. यानी लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 11.1 प्रतिशत घरों में ही नल का जल पहुंचाया गया है.
जबकि लक्ष्य के विरुद्ध 40 प्रतिशत वार्ड में काम शुरू होने का दावा किया गया है. वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद सरकार की यह ताजा रैंकिंग रिपोर्ट से यह साफ जाहिर होता है हर घर नल का जल योजना की क्रियान्वयन के प्रति स्थानीय प्रशासन गंभीर नहीं है.
जिले में इस योजना की स्थिति दयनीय
सात निश्चय योजनाओं के तहत एक प्रमुख योजना हर घर नल का जल है. तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद जब नीतीश कुमार बिहार के विभिन्न जिलों में गए तो यह कहते थे कि अब गांव भी शहर की तरह स्मार्ट बनेगा. गांव के लोग भी अब नल का जल का उपयोग करेंगे. पर नीतीश कुमार का सपना अब तक पूरा नहीं हुआ है. हर घर नल का जल योजना फिलहाल फ्लॉप साबित हो रहा है. कटिहार जिले में इस योजना की स्थिति काफी दयनीय है.
वित्तीय वर्ष 2018-19 की समाप्ति के बाद की ताजा स्टेट रैंकिंग में कटिहार 38 जिले में से 36 वां नंबर पर है. यह योजना शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक जैसी स्थिति है. खासकर इस योजना के क्रियान्वयन एजेंसी लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल है. प्रभावी अनुश्रवण व समीक्षा के अभाव की वजह से ही योजना का क्रियान्वयन गति नहीं पकड़ रही है.
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