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औसत से 35 प्रतिशत कम हुई बारिश धनरोपनी का 80 प्रतिशत काम पूरा

कटिहार : राज्य में अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति एवं बाढ़ के मद्देनजर की जा रही तैयारियों की समीक्षा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभावित सुखाड़ से निबटने के लिए की गयी तैयारियों, डीजल अनुदान किसानों के निबंधन, वर्षापात, धान का आच्छादन, […]

कटिहार : राज्य में अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति एवं बाढ़ के मद्देनजर की जा रही तैयारियों की समीक्षा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभावित सुखाड़ से निबटने के लिए की गयी तैयारियों, डीजल अनुदान किसानों के निबंधन, वर्षापात, धान का आच्छादन, नहर प्रणाली के अंतर्गत जल स्राव एवं उनकी क्षमता, प्रमुख जलाशयों में जल संचयन की स्थिति, चापाकल, पेयजल की व्यवस्था, नलकूपों की स्थिति, जल स्तर, मानव एवं पशुओं की दवा उपलब्धता, पशु चारा सहित संभावित बाढ़ के दौरान राहत सामग्रियों, पॉलिथीन शीट्स एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की व्यवस्था के लिए जिला स्तर पर की गयी तैयारियों की समीक्षा की गयी एवं संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ से निबटने को लेकर तत्पर रहने के आदेश दिये.

वीसी के दौरान कटिहार जिले की स्थिति के विषय में विस्तार से बताते हुए डीएम पूनम ने कहा कि इस जिले में औसतन 35 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ है. जिससे निबटने व धान की रोपनी में किसानों को सहूलियत प्रदान करने के लिए सरकार ने डीजल अनुदान की ऑनलाइन व्यवस्था के तहत अब तक 13139 किसानों का निबंधन किया गया है. जबकि अबतक 2000 से अधिक किसानों को डीजल अनुदान का ऑनलाइन लाभ दिया जा चुका है. जिले में 80 प्रतिशत धान की रोपनी हो चुकी है. संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरुप कटिहार में सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गयी है.

सामुदायिक नर्सरी योजना की रिपोर्ट देने का निर्देश
वीसी के माध्यम से प्राप्त मार्गदर्शन के आलोक में डीएम ने उसके पश्चात संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए धान की सामुदायिक नर्सरी विकास योजना के तहत संचालित कार्यों का विस्तृत प्रतिवेदन देने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया. डीएम कहा कि किसानों को कम बारिश के बावजूद धान की रोपनी के लिए प्रेरित करना चाहिए. ताकि आगे की बारिश से उन्हें लाभ हो सके जहां बिल्कुल रोपनी संभव नहीं है. वहां वैकल्पिक फसल की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनायी जानी चाहिए.
लघु जल संसाधन के अभियंता को कहा कि राजकीय नलकूपों को क्रियाशील रखने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित प्रावधानों के आलोक में इच्छुक व्यक्तियों को उसके रखरखाव एवं संचालन की जिम्मेदारी विहित प्रक्रिया के अनुसार सौंपने को लेकर आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करें. इस अवसर पर उप विकास आयुक्त अमित कुमार, नगर आयुक्त अजय कुमार ठाकुर, अपर समाहर्ता कमलेश कुमार, सिविल सर्जन, आपदा प्रबंधन के प्रभारी पदाधिकारी प्रमोद कुमार, एएसडीओ नीरज कुमार, डीएओ सहित बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, लघु जल संसाधन सहित अन्य कार्य प्रमंडलों के कार्यपालक अभियंता उपस्थित थे.

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