कटिहार. जहां एक ओर बिहार में शराब व ताड़ी पर पूर्णत: प्रतिबंध लग गया है. ताड़ी को लेकर कई नियम में बदलाव किये गये हैं. ताड़ी के पेड़ हो, तो आप ताड़ी वहीं बेच सकते है, वह भी ताजी ताड़ी.
उसमें किसी प्रकार की मिलावट नहीं होनी चाहिए. नीतीश सरकार ने ताड़ी उत्पादकों के लिए जिले में कई नीरा केंद्र खोल दिये हैं, ताकि ताड़ी विक्रेता को किसी प्रकार का नुकसान न हो. बावजूद ट्रेनों में धड़ल्ले से ताड़ी की ढुलाई हो रही है. ताड़ी को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने को लेकर ताड़ी कारोबारी ट्रेन को ही सेफ मान रहे हैं. ताड़ी ढुलाई के मामले में रेल पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है. ट्रेनों में खुलेआम ताड़ी ढोयी जा रही है और रेल प्रशासन खामोश है. जिस प्रकार ट्रेनों में ताड़ी को ढोया जा रहा है उससे यह प्रतीत हो रहा है कि रेलवे पुलिस के लिए बिहार सरकार का प्रतिबंध आदेश कोई मायने नहीं रखता है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार कटिहार से राधिकापुर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में डंडखोरा, संदलपुर, गोरफर स्टेशन पर ताड़ी की बड़ी खेप को लादा जाता है जिसे सालमारी व आजमनगर में उतारा जाता है, जबकि राधिकापुर से भाया कुमेदपुर कटिहार आने वाली ट्रेन में सहजा हाल्ट पर भी ताड़ी की बड़ी खेप चढ़ायी जाती है, जिसे तस्कर अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाते हैं. सवाल यह उठता है कि आखिर इतनी सख्त पाबंदी के बाद किस प्रकार ट्रेनों में ताड़ी को ढ़ोया जाता है, जबकि सभी ट्रेन में स्कॉट पार्टी व मुख्य रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ बल मौजूद रहते हैं. ताड़ी कारोबारियों में रेल पुलिस का कोई भी भय नहीं रहता है.
रेल पुलिस ने फोटो वायरल होते ही की खानापूर्ति
एक दर्जन खाली गैलन के साथ तीन आरोपित को किया गिरफ्तार : रेल पुलिस ने तीन ताड़ी कारोबारी को एक दर्जन खाली गैलन के साथ किया गिरफ्तार. दरअसल हुआ यूं कि शनिवार को ट्रेन में ताड़ी लोड व अनलोड करते कई फोटो मीडिया ग्रुप में वायरल हुआ. रेल पुलिस ने उक्त मामले में महज खानापूर्ति करते हुए एक दर्जन खाली गैलन के साथ तीन लोगों को पकड़ने की पुष्टि की है. अब सवाल यह उठता है कि नित्य डंडखोरा, गोरफर से दर्जनों गैलन ताड़ी ट्रेन में लेकर उसे सालमारी सहित अन्य स्टेशन पर लोग उतरते हैं. फिर रविवार को ऐसा क्या हुआ कि रेल पुलिस के हाथ खाली डब्बे लगे.