भभुआ सदर.
अक्षय तृतीया पर्व के अवसर पर बुधवार को सोने-चांदी के महंगे होने के बावजूद जिले भर में सोने व चांदी के आभूषणों की जमकर खरीदारी हुई. शुभ मुहूर्त के चलते सुबह से ही बाजारों में लोगों की भीड़ दिखाई दी. आभूषण की दुकानों पर नेकलेस से लेकर पायल झुमका और हार तक की लोगों ने खरीदारी की. अक्षय तृतीया पर्व के मद्देनजर आभूषण के विभिन्न डिजाइन के साथ दुकानों को भी ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए आकर्षक ढंग से सजाया गया था. इसके अलावा कुछ ऑफर्स भी दिये गये थे, ताकि लोगों को खरीदारी करने में महंगाई आड़े नही आये.= आभूषण-साड़ी की खरीदारी के लिए महिलाएं रहीं उत्साहित
अक्षय तृतीया पर आभूषण के अलावा साड़ी खरीदने की परंपरा रही है. बुधवार को आभूषणों के अलावा साड़ी आदि खरीदने को लेकर भी महिलाओं में खासा उत्साह रहा. शहर की मंजू रानी ने बताया कि उन्होंने कांजीवरम, जयपुर की सिफान, बनारसी साड़ियों की खरीदारी की है. इसके अलावा अक्षय तृतीया के अवसर पर बाजार में शुभ वस्तुओं की भी खरीदारी हुई.
= वैशाख शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है त्योहार
ज्योतिषशास्त्री उपेंद्र तिवारी ने बताया कि अक्षय तृतीया एक अबूझ मुहूर्त है. यानी इस तिथि पर कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है. अक्षय तृतीया का त्योहार वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. अक्षय तृतीया का अर्थ होता है जिसका कभी भी क्षय न हो यानी कभी नाश ना हो. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया शुभ कार्य दान-पुण्य, स्नान, पूजा और तप करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. अक्षय तृतीया पर सोने के आभूषण खरीदने का खास महत्व माना जाता है. अक्षय तृतीया के दिन अगर व्यक्ति सोना चांदी के आभूषण की खरीदारी करते हैं, तो जीवन में सदैव माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है. ऐसे तो अक्षय तृतीया पर बहुत सारे लोग वस्त्र, सोने चांदी के सिक्के, भूमि, गाड़ी की भी खरीदारी करते हैं, जो काफी शुभ माना जाता है. पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष फल होता है. इसमें स्नान बाद दान का विशिष्ट महत्व माना गया है.
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