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प्रत्येक माह नौ लाख खर्च के बाद भी दुर्गा चौक पर गंदगी का अंबार

नगर पंचायत में प्रत्येक माह नौ लाख खर्च होने के बाद भी बाजार के हृदय स्थली दुर्गा चौक पर गंदगी का अंबार पड़ा है. रविवार की शाम कुछ ऐसा ही नजारा प्रखंड कार्यालय के मुख्य गेट के पास देखने को मिला,

रामगढ़. नगर पंचायत में प्रत्येक माह नौ लाख खर्च होने के बाद भी बाजार के हृदय स्थली दुर्गा चौक पर गंदगी का अंबार पड़ा है. रविवार की शाम कुछ ऐसा ही नजारा प्रखंड कार्यालय के मुख्य गेट के पास देखने को मिला, जहां बाजार की सड़ी गली सब्जियां व सड़े फल के लगे कूड़े के अंबार के कारण उठती दुर्गंध से प्रखंड कार्यालय, रेफरल अस्पताल, बीआरसी भवन, ग्राम भारती बालिका विद्यापीठ व सूर्य सरोवर मंदिर पूजा करने जाने वाले श्रद्धालुओं को पूरे दिन नाक पर कपड़ा रखकर गुजरना पड़ा. वहीं, सबसे ज्यादा परेशानी दुर्गा चौक पहुंचे सैकड़ों ग्रामीणों को हुई, जो अपने किसी न किसी काम से उक्त स्थान या बस पकड़ने के लिए बस स्टैंड पहुंचे थे. जबकि, इस तरह की गंदगी की स्थिति दुर्गा चौक पर ही नहीं बल्कि रामगढ़ देवहलिया पथ पर महादलित बस्ती के कुछ आगे मुख्य सड़क से सटे भी देखने को मिल जायेगी, जहां नगर पंचायत के निकले कूड़े को एनजीओ के सफाई कर्मियों द्वारा प्रत्येक दिन सड़क किनारे फेंक दिया जाता है. इससे कूड़े से उठती दुर्गंध के कारण उक्त पथ से गुजरने वाले लोगों के साथ बस्ती के लोग कब बीमार हो जायें, कहना मुश्किल है. वैसे धरातल पर नगर की सफाई को लेकर विभाग द्वारा प्रत्येक माह एनजीओ को नौ लाख से अधिक रुपये का भुगतान किया जाता है. एनजीओ द्वारा नगर की सफाई में 40 से अधिक सफाई कर्मी लगाया जाता है. धरातल पर नजर डाले तो प्रखंड में स्वच्छता का पाठ पढ़ाने वाले बीडीओ व अंचल को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराने वाले सीओ दोनों के खुद के आंगन गंदे हैं, जहां वर्षों से अतिक्रमण किया गया है. दरअसल, प्रखंड कार्यालय के मुख्य गेट के सामने मार्केट कांप्लेक्स व प्रखंड कार्यालय के पीछे कस्तूरबा बालिका विद्यालय जाने वाली सड़क पर कुछ लोगों द्वारा वर्षों से डेरा जमा कर रखा गया है, जिनके पशु प्रत्येक दिन प्रखंड परिसर सहित बाजार के विभिन्न जगहों पर गंदगी फैलाते हैं. हाकिमों द्वारा वर्षों बीत जाने के बाद भी अपने ही परिसर को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जा सका. ऐसे में सवाल उठता है प्रखंड में स्वच्छता का पाठ पढ़ने वाले बीडीओ व अंचल क्षेत्र से अतिक्रमण मुक्त कराने वाली सीओ जब अपने ही आंगन को ठीक नहीं कर पाये, तो और लोगों के लिए क्या उम्मीद की जा सकती है. कहते हैं लोग –बाजार के युवा विजय कुमार सिंह का कहना है कि सफाई के नाम पर पूरे नगर पंचायत में लूट मची है. वार्ड की गलियों की बात छोड़िये, जब बाजार के हृदय स्थली कहे जाने वाले दुर्गा चौक प्रखंड के मुख्य गेट के पास भी गंदगी का अंबार पसरा हो, तो सफाई का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है. दो वर्ष बीतने को हैं किंतु आज तक ना तो वार्ड की गलियों में स्ट्रीट लाइट लगायी गयी, ना ही नगर पंचायत द्वारा कोई ढंग के काम किया गया. वार्ड सात में लगाये गये प्याऊ से लगभग डेढ़ वर्ष बाद भी शुद्ध जल से ग्रामीणों की प्यास नहीं बुझना विभाग में बड़े पैमाने पर घालमेल की तरफ इशारा कर रहा है. –गोडसरा गांव के युवा पंकज सिंह ने कहा वर्षों से प्रखंड परिसर में डेरा जमाये लोगों के गंदे पशुओं से सारे लोग त्रस्त हैं. अहले सुबह से ही सूअरों को नगर के विभिन्न जगहों पर गंदगी फैलाते सभी देखते हैं, पर इनपर ना तो नगर पंचायत के पदाधिकारी द्वारा कोई अंकुश लगाया जाता, ना ही इन्हें रोकने के लिए प्रखंड प्रशासन सामने आता है. बहरहाल, ग्रामीणों ने जिले के वरीय पदाधिकारी से नगर पंचायत में स्वच्छता पर किये जा रहे लाखों रुपये के खर्च की जांच व नगर को गंदगी से मुक्त कराने की मांग की है. # क्या कहते हैं इओ उक्त संबंध में इओ राहुल कुमार ने कहा नगर पंचायत की सफाई को लेकर प्रत्येक माह नौ लाख से अधिक रुपये का भुगतान एनजीओ को किया जाता है. सफाई के लिए 40 से ऊपर सफाई कर्मी भी लगाये गये हैं. एनजीओ से कॉन्ट्रेक्ट के दौरान रविवार को सफाई कर्मियों की छुट्टी का कांट्रेक्ट है, जिससे रविवार को गंदगी हो सकती है. आगे के कॉन्ट्रेक्ट में इसका ख्याल रखा जायेगा, वैसे सुपरवाइजर को बोलकर वहां की गंदगी साफ करवा दी गयी है.

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