कैमूर न्यूज : कृषि बिजली कनेक्शन के लिए सुविधा एप के माध्यम से करें आवेदन
प्रतिनिधि, भभुआ शहरमुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना विद्युत आपूर्ति प्रमंडल भभुआ क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. भभुआ विद्युत कार्यपालक अभियंता शशिकांत कुमार ने बताया कि यह योजना न केवल किसानों को डीजल पंपों के महंगे और प्रदूषणकारी विकल्प से छुटकारा दिला रही है, बल्कि इससे कृषि उत्पादन और उनकी आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिल रही है. पहले किसानों को सिंचाई के लिए डीजल आधारित पंपों पर निर्भर रहना पड़ता था. डीजल की बढ़ती कीमत और पंपों के रखरखाव का खर्च किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती थी. इसके अलावा डीजल पंपों से होने वाला प्रदूषण पर्यावरण के लिए भी हानिकारक था. लेकिन, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना और बिजली की उपलब्धता से फसल सिंचाई की लागत करीब 98 फीसदी तक कमी आयी है. बिजली से चलने वाले मोटर पंप से सिंचाई करने की लागत घटकर मात्र दो रुपये प्रति घंटे है. इससे किसान खुशहाल हो रहे हैं. किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार योजना के लाभुकों को प्रति यूनिट छह रुपये 19 पैसे का अनुदान दे रही है. किसानों का कहना है कि बिजली से चलने वाले दो हॉर्स पावर के मोटर पंप के संचालन के प्रति घंटे मात्र 3-4 यूनिट बिजली की खपत होती है, जो काफी किफायती है. इस योजना के लागू होने से पहले जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल, केरोसिन) आधारित मोटर पंप से फसलों की सिंचाई करने में प्रति घंटे करीब 100 रुपये तक की लागत आती थी. लेकिन, अब मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत कनेक्शन लेने के बाद किसानों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध हो रही है.
55 पैसे प्रति यूनिट बिजली
मुख्यमंत्री विद्युत सहायता योजना के तहत बिहार विद्युत विनियामक आयोग की ओर से पटवन कार्य की दर 6.74 प्रति यूनिट निर्धारित की गयी है. राज्य सरकार की ओर से 6.19 प्रति यूनिट की दर से अनुदान दिया जा रहा है. कृषि कनेक्शन पर राज्य सरकार द्वारा मिलने वाले अनुदान के कारण किसानों को पटवन कार्य के लिए बिजली केवल 55 पैसे प्रति यूनिट पर उपलब्ध करायी जा रही है. किसानों को सिंचाई के लिए निःशुल्क कृषि विद्युत कनेक्शन प्रदान किये जा रहे हैं.
ऐसे करें आवेदन
किसान कृषि कार्य के लिए नया विद्युत कनेक्शन लेने के लिए सुविधा एप के माध्यम से आवेदन करें एवं आवेदन करते समय पहचान पत्र एवं आवासीय पहचान पत्र के लिए आधार कार्ड या वोटर आइडी कार्ड तथा जमीन से जुड़े कागज (खेसरा) समर्पित करना आवश्यक है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है