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पर्यवेक्षिका से मांगा स्पष्टीकरण

भभुआ : मोहनिया प्रखंड के डंडवास पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र पर सेविका पद पर गलत बहाली को लेकर पर्यवेक्षिका से स्पष्टीकरण पूछा गया है. अति पिछड़ा वर्ग वाले बाहुल्य सीट पर पर्यवेक्षिका ने पिछड़ा वर्ग के आवेदिका को अति पिछड़ा वर्ग में दरसाते हुए गलत चयन कर दिया था. जिसकी शिकायत दूसरे अभ्यर्थी द्वारा बाल […]

भभुआ : मोहनिया प्रखंड के डंडवास पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र पर सेविका पद पर गलत बहाली को लेकर पर्यवेक्षिका से स्पष्टीकरण पूछा गया है. अति पिछड़ा वर्ग वाले बाहुल्य सीट पर पर्यवेक्षिका ने पिछड़ा वर्ग के आवेदिका को अति पिछड़ा वर्ग में दरसाते हुए गलत चयन कर दिया था. जिसकी शिकायत दूसरे अभ्यर्थी द्वारा बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से किया गया था.

डंडवास पंचायत में आंगनबाड़ी केंद्र पर पर्यवेक्षिका द्वारा सेविका पद पर गलत चयन करने को लेकर डीपीओ रश्मि कुमारी द्वारा तत्कालीन पर्यवेक्षिका सरिता चंद्रा से स्पष्टीकरण पूछा गया है.
जानकारी के अनुसार, डंडवास पंचायत के वार्ड नंबर आठ की रहने वाली जानकी देवी द्वारा परियोजना पदाधिकारी के पास यह शिकायत दर्ज कराया गया था कि वार्ड आठ में अति पिछड़ा वर्ग के बहुलता के बावजूद पर्यवेक्षिका द्वारा पिछड़ा वर्ग के आवेदिका जूही कुमारी का चयन किया गया है. इधर शिकायत के बाद सीडीपीओ ने डीपीओ को भेजे गये अपने रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्र अति पिछड़ा वर्ग के बहुलता वाला है.
जबकि चयनित सेविका जूही कुमारी पति संतोष साह पिछड़ा वर्ग की है, जो उसके जाति प्रमाण पत्र पर अंकित है. इसके बावजूद भी जूही कुमारी को मेघा सूची में अति पिछड़ा वर्ग का बताते हुये चयन किया गया है. जो आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका पद पर चयन के नियमों का उल्लंघन है. इधर, डीपीओ रश्मि कुमारी ने बताया कि पर्यवेक्षिका से स्पष्टीकरण पूछा गया. जवाब असंतोषजनक मिलने पर संविदा से मुक्त करने की अनुशंसा की जायेगी.
सेविकाओं व पर्यवेक्षिकाओं को स्पष्टीकरण
भभुआ. सरकार के निर्देश पर जिले में चलाये जा रहे पोषण अभियान में कोताही को लेकर कई केंद्रों के सेविकाओं व पर्यवेक्षिकाओं से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया गया है. बच्चों के स्वास्थ्य के जांच के लिये केंद्रों का निरीक्षण करने वाली टीम ने कई आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद पाया था. जानकारी के अनुसार, स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करने वाली मेडिकल टीम को जिले में मनाये जा रहे पोषण माह के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों के कुपोषित बच्चों के भी स्वास्थ्य जांच पर्यवेक्षिका के साथ करने का निर्देश दिया गया.
यह जांच जिले में मेडिकल टीम द्वारा 12 सितंबर से लेकर 14 सितंबर तक किया जाना था. लेकिन बताया जाता है कि उक्त जांच के तिथियों को कई आंगनबाड़ी केंद्र के जिले के विभिन्न परियोजनाओं में बंद पाये गये.
क्या कहती हैं डीपीओ : डीपीओ रश्मि कुमारी ने बताया कि उक्त मामला काफी गंभीर है. आंगनबाड़ी क्यों बंद थे, इसे लेकर सीडीपीओ, सेविका व पर्यवेक्षिका से स्पष्टीकरण किया गया है.

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